कुमुद सिंह
मुझे नीतीश और लालू की राजनीति 1975 में हैंग कंप्यूटर की तरह लग रही है। देवेगौडा और मुलायम के साथ बैठक करने से कुछ नहीं होगा। कांग्रेस से लडनेवाले यौद्धाओं को समझना चाहिए कि यह 1975 नहीं 2015 की लडाई है। मोदी की राजनीति से ही आप मोदी को हरा सकते हैं। मोदी से निपटना है तो एजेंटा और जमीन दोनों बदलना होगा। देवेगाैडा इस लडाई में आपके फायदे के नहीं होंगे, आपको ममता और नवीन के साथ बैठना चाहिए, वर्ना आप एक बार फिर पीछे नहीं, बल्कि हमेशा के लिए पीछे चले जायेंगे। अपनी पहचान बचाइये, वर्ना अभी तो केवल टाटा को मोदी से पर्यावरण समिति से बाहर का रास्ता दिखाया है, डालमिया और बिडला जैसे पूर्वी भारत के बडे कारोबारी भी नापे जायेंगे।
(स्रोत-एफबी)








