-पश्यंती शुक्ला मोहित-
अगर अफवाह है माफ करें , अगर सच है तो dear bhansali sahab …आपका एक बेहतरीन फिल्मकार होना आपको ये हक़ बिल्कुल नहीं दे सकता कि आप इतिहास को अपनी creativity की बलिवेदी पर चढ़ा दें. कुछ नया करने की चाह आपके ऊपर इतना हावी हो जाए कि आप ये भूल जाएँ कि आप फिल्मकार हैं किसी ‘राजा के इतिहासकार’ नहीं.
भंसाली साहब मै जानती हूँ कि सेक्युलर्स मुझे कोसने inbox तक चले आयेंगे लेकिन फिर भी बोलूंगी और ज़रूर बोलूंगी कि अगर आपकी रचनात्मकता आपको इतनी आज़ादी देती है कि आप रानी पद्मावती, (जिसने अलाउद्दीन खिलजी से बचने के लिए 38,000 राजपूत स्त्रियों के साथ जौहर को चुना था, ) और खिलजी को romance करा सकते हैं तो साथ जयपुर के राजपूतों की दिमागी कलात्मकता उनको इतनी आज़ादी तो देती है कि वो भी आपको चार कलाबाजी दिखा सकें.हाँलाकि गलत बहुत हुआ आपके साथ ! @fb