बीआर अम्बेडकर विवि का आरटीई के तहत सूचना देने से इंकार

रवि प्रकाश

नियुक्तियों में बेईमानी से सुर्खियों में आए लखनऊ की बाबा साहब भीमराव अम्बेडर केंद्रीय विवि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत वांछित सूचना उपलब्ध न कराए जाने से एक बार फिर सुर्खियों में है। 29 मई 2014 में विवि में हुए जूनियर रिसर्च आफिसर के चयन के विवरण में मांगी गयी सूचना के परिप्रक्ष्य विवि के जन सूचना अधिकारी ने आरटीआई 2005 की धारा 8 (1) (र) की आड लेकर उपलब्ध नहीं कराया है। विवि का यह कदम वहां पर चल रही धांधली और मनमानी को उजागर करता है। विषेशज्ञ बताते हैं कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की उपरोक्त धारा राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा सहिष्णुता पर खतरा होने की दशा में उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। इलाहाबाद जनसंदेश टाइम्स के वरिष्ठ संवाददाता डॉ. सुधाकर पाण्डेय द्वारा मांगी गये तथ्यों की जानकारी में विवि के जन सूचना अधिकारी ने जवाब में यही लिखा है कि आप के द्वारा मांगी गयी वांक्षित सूचना, सूचना के अधिकार अधिनियम आरटीआई 2005 की धारा 8 (1) (र) से बाधित होने के कारण उपलब्ध नहीं करायी जा सकती है। फिलहाल इस संबंध में मुख्य जनसूचना अधिकारी से प्रथम अपील की जा रही है कि वे इस संबंध में वांछित सचूनाएं उपलब्ध करा दें। देखते हैं कि विवि प्रशासन अब किस प्रकार से अपनी करतूत पर पर्दा डालता है।

आरटीआई के तहत जो सूचनाएं मांगी गयी थी वह इस प्रकार हैं- निवेदन है कि विज्ञापन संख्या 2/2013 के अंतर्गत जूनियर रिसर्च अफसर पद हेतु 29 मई 2014 को आयोजित साक्षात्कार के परिप्रेक्ष्य निम्न सूचनाएं उपलब्ध कराने की कृपा करें.

-साक्षात्कार में शामिल अभ्यर्थियों के नाम एवं अकादमिक अंक- जिसके आधार पर विश्वविद्यालय ने उन्हें साक्षात्कार हेतु आमंत्रित किया ।
-साक्षात्कार में शामिल सभी अभ्यर्थियों के चयन समिति द्वारा प्रदत्त अंको की विवरण की अलग अलग फोटो कापी।
-अभ्यर्थियों के अंको एवं उनके प्रदर्शन को रेखांकित करता ब्योरा जिसमें अभ्यर्थियों की शैक्षिक एवं वांछित योग्यता के मूल्यांकन का लेखा-जोखा उपलब्ध कराया गया है।
-साक्षात्कार में शामिल सभी सदस्यों का अंक निर्धारण का प्रारूप एवं उनके द्वारा अंक प्रदान की अवार्ड शीट जोकि साक्षात्कार में सम्मिलत सभी अभ्यर्थियों को प्रदान की गयी है, अलग-अलग उपलब्ध कराने की कृपा करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.