जितेन्द्र ज्योति
गांधी परिवार के लगुआ भगुआ का भी जन्मदिवस होता तो समाचार पत्र में फ्रंट पेज पर छपता।
आज पत्रकारिता की साख का पता चल गया। बहुत उदास हूँ। सुबह जब समाचार पत्र को देखा तो क्रिकेट खेलने वाले एक खिलाड़ी की बड़ी बड़ी तस्वीर लगी हुई थी। कोई सचिन करके लिखा हुआ था। भगवान् ,गॉड न जाने क्या क्या लिखा हुआ था। अन्दर के पन्नो में जब देश के जननायक जयप्रकाश नारायण की तस्वीर नहीं देखा तो मन हुआ पेपर में आग लगा दूं। सोशल मीडिया में भी एक नौटंकी करने वाला कलाकार ही ज्यादा दिखा। कही कहीं तो नौटकी कलाकार अमिताभ के साथ जयप्रकाश बाबू की तुलना की गयी। शायद उस नौटंकी कलाकार का भी आज ही जन्मदिन है। अगर गांधी परिवार के लगुआ भगुआ का भी जन्मदिवस होता तो समाचार पत्र में फ्रंट पेज पर छपता। और देश के जननायक ,खाँटी समाजवादी नेता ,आपातकाल के विरोध में खड़े होने वाले पुरोधा ,युवाओं के दिल की आवाज ,समाजवाद के स्तम्भ जयप्रकाश बाबू की तस्वीर की बात तो दूर की बात कही भी सन्देश तक नहीं था। विरोध करता हूँ समाचार पत्रों का। और कांग्रेस पार्टी का। छी छी ,धिक्कार है। शर्म से आंखे झुक गयी आज। जयप्रकाश बाबू अमर रहे
जितेन्द्र ज्योति ( पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्त्ता)