सुजीत ठमके
मनोज भोयर जी हां। एक ऐसा नाम जो केवल मुंबई एवं महाराष्ट्र ही नहीं देश के मीडिया महारथी भी मनोज का नाम क्राईम स्टोरी के लिए शान से लेते है। दिल्ली के मीडिया जगत में क्राईम रिपोर्टिंग के लिए जितने सोर्सेस दीपक शर्मा, शम्स और कुछ चुनिंदा पत्रकार रखते है उतना ही रूतबा मनोज मुंबई के क्राईम बीट में रखते है। चुकी वो आजकल जिया न्यूज़ में पोलिटिकल रिपोर्टिंग भी करते है। लोकमत युवा मंच के जरिये मनोज कॉलेज के दिनों से ही पत्रकारिता की शुरुवात की। विदर्भ से ताल्लुक रखते है। वो विश्वविद्यालय स्तर के बेहतर डिबेटर थे। वाद-विवाद प्रतियोगिता के जरिये मनोज ने भाषा की तालीम ली। पुणे से पत्रकारिता की पढ़ाई की। वादविवाद प्रतियोगिता का विषय कितना भी जटिल, क्लिष्ट हो मनोज सहज, सरल भाषा के जरिये दर्शको तक पहुचाते थे। इसी के चलते भोयर वादविवाद प्रतियोगिता में अव्वल रहते थे। एक लोकल न्यूज़ चैनल से सैटेलाइट क्षेत्रीय मराठी चैनल तारा, ई- टीवी के लिए मुंबई से रिपोर्टिंग करने वाले मनोज ने सहारा समय के जरिये हिंदी चैनल में कदम रखा। मुंबई के मीडिया जगत में खुद का स्पेस बनाने के लिए मनोज ने काफी मेहनत, संघर्ष किया। लम्बे अरसे सहारा समय में बिताया। मनोज ने क्राईम जगत की कई बड़ी स्टोरी ब्रेक की है। उसी में से एक स्टोरी थी मुंबई के जाने माने वकील माजिद मेमन को अंडरवर्ल्ड डॉन मारने की प्लानिंग कर रहे है। कानून ज्ञान के लिए देश विदेश में विख्यात माजिद मेमन कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता भी है। माजिद मेमन ने कई बड़े केसेस को डील किया है। १९९३ ब्लास्ट पीड़ित, दंगा पीड़ित, टाडा, मकोका, पोटा के तहत गिरफ्तार किये गए आरोपी का पक्ष मेमन ने रखा है। वर्ष २००७ सहारा समय टीआरपी, विवरशिप के मामले में मुख्य पायदान पर था। मनोज ने सहारा में एक स्टोरी ओन एयर हुई थी। जी…… स्टोरी का शीर्षक था ” अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन माजिद मेमन पर जानलेवा हमला कर सकता है……..”। मनोज का न्यूज़ सोर्स इतना पुख्ता था की स्टोरी ओन एयर होने के दो दिन बाद ही विख्यात वकील माजिद मेमन पर जानलेवा हमला हुआ। शुक्रर है की वो, हमले में वो बाल बाल बचे। चुकी बाद में फोन करके हमले की जिम्मेदारी छोटा राजन ने नहीं तो रवि पुजारी ने ली। मुंबई का अंडरवर्ल्ड का खेल हो, या किसी माफिया नेटवर्क भोयर का न्यूज़ सोर्स तगड़ा है। जैसा की दिल्ली क्राईम बिट में दीपक, शम्स और कुछ चंद मीडिया कर्मी रखते है। क्राईम स्टोरी कवर करना यानी जान हथेली पर रखना है। मनोज भोयर वाकई क्राईम के मास्टर है।
सुजीत ठमके