सुजीत ठमके
सेवा में,
आदरणीय श्री सुभाषचंद्र जी
चेअरमन एस्सेल समूह
ज़ी नेटवर्क का एक दर्शक सुजीत ठमके का प्यार भरा नमस्कार और जय हिन्द।
काफी दिनों से सोच रहा था कि मैं ज़ी नेटवर्क का दर्शक होने के नाते आप को एक खत लिखूं और मेरे मन में आप के नेटवर्क के बारे जो संदेह के बीज बोये गए है उसे खुलकर शेयर करूँ। लेकिन लेख लिखूं या नहीं,इसी उलझनों में उलझता रहा। आप ने कड़ी मेहनत, लगन, संघर्ष, खून पसीना एक करके दुनिया का सबसे बड़ा टेलीविजन नेटवर्क खड़ा किया। आपने जो देश दुनिया के दर्शकों को दिया वो अद्भुत है। अकल्पनीय है। यह महज इत्तफाक नहीं । एक समय था जब जी न्यूज़ देश का एकमात्र न्यूज़ चैनल जो देश दुनिया के हिंदी दर्शकों की पहली पसंद थी। पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण, और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक । सभी, मजहब, जाति , पंथ, प्रदेश के लोग खुलकर कहते थे कि न्यूज़ चैनल हो तो ज़ी न्यूज़ जैसा। इसके लिए आपकी तारीफ़ के लिए मेरे पास अल्फाज नहीं है।
आप टैलेंट को परखते है। लोगो की अहमियत जानते है। इसीलिए आप ने लाखो लोगो को अर्श से फर्श तक पहुंचा दिया। क्या गाँव क्या शहर ? क्या जाति क्या धर्म ? क्या पंथ क्या राज्य ? वसुंधवम कुटुम्बकम यह ज़ी समुदाय की टैग लाइन सटीक है। ज़ी के देश में १७ करोड़ दर्शक है। इन्ही दर्शकों में से मैं भी एक हूँ.
लेकिन अफ़सोस की बात है कि पिछले दो वर्षो से ज़ी समूह पर पक्षपाती ख़बरें चलाने के संगीन आरोप लग रहे है। आप के द्वारा कुछ महीने पहले प्राइम टाइम में दर्शको से संवाद भी किया था। किन्तु मेरे जैसा दर्शक उस सफाई से ज्यादा संतुष्ट नहीं था।
ज़ी न्यूज़ की साख दर्शकों की नजर में लगातार गिर रही है। दर्शक खुलकर कह रहे है। जी न्यूज़ कुछ दिनों बाद सुदर्शन चैनल ( एक पार्टी का चैनल ) की जगह ना ले। मैं सम्पादक, इनपुट आउटपुट हेड, असाइनमेंट हेड और टीम की आलोचना नहीं करूंगा। वो भी एक कर्मी है। एक दर्शक होने के नाते उम्मीद रखता हूँ कि निकट भविष्य में पारदर्शक ख़बरें हमें देखने को मिले।
धन्यवाद
साधुवाद जय हिन्द
सुजीत ठमके