भारतीय न्यूज और इंटरटेनमेंट चैनलों के सहारे रहता तो लाइफ कितनी बोरिंग हो जाती
खबरिया चैनलों पर सचिनमेनिया है. इंटरटेनमेंट पर भी अक्कड़-बक्कड़ टाइप चल रहा है. अभी रिमोट टिकाया है नेशनल जियोग्राफिक और डिस्कवरी साइंस पर. जियोग्राफिक बता रहा है कि अमेरिका का फेडरल रिजर्व बैंक कैसे काम करता है. बैंक के अंदर सोना कैसे रखते हैं, कैसे ताला खुलता है…कैसे चाबी के काम्बिनेशन किसी एक आदमी के पास नहीं रहते हैं…भई वाह…मजा आ गया…सब कुछ आंखों के सामने.
सोने का भंडार…और सोने की एक ईंट की कीमत 6 लाख 40 हजार डालर. ऐसे-ऐसे सैंकड़ों सोने की ईंटों का अंबार..उधर डिस्कवरी साइंस यूनिवर्स के राज बता रहा है..ब्लैक होल के अंदर का स्ट्रक्चर बता रहा है…आइंस्टीन के फार्मूले के साथ…कम्प्यूटर एनिमेटेड मॉडल…गजब…जो मैं समझा उसके मुताबिक ब्लैक होल के अंदर अगर हम चले जाएं तो शायद किसी दूसरे यूनिवर्स में जाकर निकलें…कुछ समझे आप…नहीं ना..दिमाग के परे है सब..साइंस की सीमा के बाहर की व्याख्या..लेकिन मजेदार प्रोग्राम…जबरदस्त…
सोचता हूं कि अगर भारतीय न्यूज और इंटरटेनमेंट चैनलों के सहारे रहता तो लाइफ कितनी बोरिंग हो जाती…शुक्र है अपन के पास डिस्कवरी, नैट जियो और हिस्ट्री जैसे चैनल्स हैं…अभी इंसान का खोजा जाना बाकी है…रिसर्च जारी है…प्रकृति को समझना बाकी है…और ये काम यूरोप-अमेरिका वाले बखूबी कर रहे हैं…हम सिर्फ जमीन के अंदर सोना ढूंढ रहे हैं…साधु बाबा का नाम लेकर…जय हो…
(स्रोत-एफबी)