कुमुद सिंह,वेब पत्रकार
1-बेटा राजा सुविधा नहीं देते थे, तो 2700 रूपया ज्यादा लेकर शौचालय में यात्रा भी नहीं करवाते थे । वोट दिया बुलेट की उम्मीद पर, यात्रा करो टवालेट की जमीन पर। तेरा नसीब ही कुत्तावाला है। बिहारी कहीं का।
2-बहुत तकलीफ होती है इन गरीबों को देखकर, बेचारे को हवलदार से लेकर सरकार तक लूट रहे है। इसी व्यवस्था के लिए ये लोग मरे जा रहे थे। दिल्ली, मुंबई में ड्राइंग रूप में बैठक कर लोग हमें लोकतंत्र का मतलब समझाते हैं, यही लोकतंत्र है तो मुझे राजतंत्र पर गर्व है।
3-सरकार इतनी भीखमंगी और सूदखोर हो चुकी है कि सीट नहीं रहने पर भी टिकट बेच देती है। क्या सरकार को पता नहीं है कि ट्रेन में कितनी सीट है।
(स्रोत-एफबी)