उमेश चतुर्वेदी
पत्रकारिता का सबसे महत्वपूर्ण काम है..निष्पक्षता के साथ सही और सच्ची तसवीर पेश करना..बेशक ऐसा करते वक्त पत्रकार लोग अपनी वैचारिक धारा का हल्का सा छौंक लगा देते हैं..लेकिन वाराणसी की लड़ाई को लेकर एक खास धारा के पत्रकार लोग एक तरफा तसवीर पेश कर रहे हैं..कुछ उसी अंदाज में..जिस अंदाज में 2004 में इंडिया शाइनिंग के दौरान एक तरफा तसवीर पेश की जा रही थी..इससे पत्रकारिता से ही लोगों का भरोसा उठने लगे तो हैरत नहीं होनी चाहिए..16 मई के बाद ऐसी संभावना ज्यादा है..
(स्रोत-एफबी)