यहाँ का मीडिया इतना निगेटिव क्यूँ है ? हम भारतीय अपनी स्वयं की शक्ति पहचानने से क्यूँ घबराते है ?
अभय पाण्डेय
हम सब एक महान राष्ट्र है। हमारी सफलता की कहानिया आस्चर्यचकित करने वाली होती है। लेकिन हम उन्हें ख़ारिज कर देते है। क्यूँ ?
हम दुग्ध उत्पादन में सबसे अव्वल है। हम दूर संवेदी उपग्रहों में सबसे अव्वल है। गेंहू उत्पादन मामले में हम दुसरे नंबर में आते है। हम सबसे बड़े चावल उत्पादक भी है।
डॉक्टर सुदर्शन को देखिये उन्होंने एक आदवासी गाँव को स्वपोषित और आत्मनिर्भर बना दिया। इस तरह लाखो उपलब्धिया है लेकिन हमारा मीडिया बुरी खबरों , विफलताओ और आपदाओ के पीछे पड़ा रहता है।
एक बार मैं (डॉक्टर कलाम) तेल अबीब में था और एक इजराइली अखबार पढ़ रहा था। पिछले दिनों इजराइल पर बहुत हमले हुए थे बम बरसाए गये थे और अनेको मौते हुई थी। हमले हमास ने किये थे। लेकिन अख़बार के मुख्या प्रष्ठ पर एक यहूदी भद्र पुरुष की तस्वीर छापी थी। जिन्होंने पांच सालो में अपनी उसर भूमि को आर्किड और उपजाऊ भूमि में बदल दिया। सुबह उठकर लोगो ने सबसे पहले प्रेरक तस्वीर देखी। हत्या बमबारी और मौत की भयानक खबरे अन्दर के पेजों में छपी थी।
भारत में केवल हम मौत बीमारी आतंकवाद और अपराध की खबरे पढ़ते है आखिर हम इतना नेगेटिव क्यूँ है ?
(भारत रत्न डॉक्टर ऐ पी जे अब्दुल कलाम जी के भाषण का अंश)