टीआरपी नहीं मिलती तो मीडिया मंडी से पूर्वोत्तर गायब

जितेन्द्र ज्योति

एक नजर ,पूर्वोत्तर पर ।

मीडिया को अपनी उदासीनता पर गंभीर विचार करने की जरूरत
मीडिया को अपनी उदासीनता पर गंभीर विचार करने की जरूरत
चुनावी माहौल है। वातावरण में नमी है। लेकिन माहौल में गर्मी है। कारण स्प्ष्ट है पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल राउंड माना जा रहा है। पांच राज्यों में से एक राज्य पूर्वोत्तर का भी है। लेकिन जितना फोकस मध्यप्रदेश ,दिल्ली,छत्तीसगढ व राजस्थान पर है इतना मिजोरम पर नहीं। होना चाहिए था फोकस मिजोरम भी भारत में ही है।

खैर यह तो चुनावी बात हुई । पिछले दिनों अरूणाचल प्रदेश के तवांग में अंतर्राष्ट्रीय टूरिज्म फेस्टिवल हुआ बॉलीवुड के स्टार विवेक ओबराय भी इसमें शिरकत किये । किसी भी चैनल या समाचार पत्र में इसका जिक्र राष्ट्रीय स्तर पर न देखने को मिला न ही पढने को मिला। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में तवांग फेस्टीवल 20 से 22 अक्टूबर को मनाया गया। ये फेस्टीवल हरेक वर्ष मनाया जाता है। इसका महत्व यहां के लोगों के लिए उतना ही है जितना देश के अन्य भाग में किसी त्योहार का होता है। मसलन, यहां भी मीडिया को अपनी उदासीनता पर गंभीर विचार करने की जरूरत है। इससे यह नहीं सिद्ध होता है कि अरूणाचल प्रदेश को मीडिया ने पूर्वोत्तर राज्य मानकर या टीआरपी के कारण कोई तवज्जो नहीं दिया। क्या यहां भारतीय नहीं रहते ?

क्या इनके समारोह या त्योहार को उसी तरह प्रसारित व प्रकाशित करने की जरूरत नहीं है जिस तरह मीडिया देश के अन्य प्रांतों के छोटे छोटे त्योहारों पर विशेष पैकेज बनाकर जनता को परोसती है ? लोकतंत्र का चौथा खंभा होने के कारण मीडिया की यह जिम्मेदारी है कि भारत में राज्यों का विभाजन समाचार के आधार पर न करे। क्या चीन से सटे अरूणाचल प्रदेश में हो रहे त्योहार ,कार्यक्रम और विकास के पहलू पर उतना ही चर्चा करना जरूरी नहीं है, जितना कि दिल्ली में मेट्रो ट्रैन में तकनीकी खराबी आने पर एक घंटा का विशेष पैकेज चैनेल पर दिखाई देने लगता है। क्यों इस तरह का दो मुहा पत्रकारिता हो रहा है?,यह चिंतन करने वाली बात है।

मसलन, तवांग में जो दो फेस्टीवल हुए मै उसपर चर्चा करना चाहूंगा। दूसरा अंतर्राष्ट्रीय टूरिज्म फेस्टिवल तवांग में 18 से 20 अक्टूबर तक आयोजित किया गया । इसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी कर तवांग क्षेत्र को टूरिज्म हब बनने की बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नबाम टुकी सहित राज्य के पर्यटन मंत्री पेमा खांडू ,स्थानीय विधायक सहित तमाम राजनीतिक हस्ती मौजूद थे। इसके अलावा अभिनेता विवेक ओबराय भी इस समारोह में विशेष अतिथि बनकर आए थे। मुख्यमंत्री ने तवांग में आयोजित दूसरे अंतर्राष्ट्रीय टूरिज्म फेस्टिवल समारोह में कहा कि तवांग में समारोह का आयोजन विकास की दृस्टि से सकारात्मक है। संचार पर कई कार्य हुए हैं और हो रहें हैं। पर्यटन क्षेत्र के विकास होने पर युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं अभिनेता विवेक ओबराय ने तवांग को स्वीटजरलैंड से बेहतर बताया और यहां के लोगों के शांतिप्रिय छवि को जमकर सराहा। इस समारोह के आयोजन से एक तथ्य जो सामने उभरकर आया वह है कि अरूणाचल प्रदेश के मुददे पर या पूर्वोत्तर राज्य के मुददे पर मीडिया को वह नहीं मिल पाता जितना दिल्ली के मेटो ट्रैन में तकनीकी खराबी आने पर न्यूज़ चैनल पर विशेष पैकेज बनाने पर मिलता है। यह सही है या गलत इसका फैसला मीडिया संसथान ही करे।

बहरहाल ,तवांग की संुदरता पर कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाएगा इसमें दो राय नहीं। चारों ओर पहाड़ से घिरा यह क्षेत्र सुकून और शांति से भरा है। दलाई लामा का यहां खासा प्रभाव है। तवांग में मोनपा मोनस्टरी का अपना अलग ही महत्व है। यह स्थल न सिर्फ राष्ट्रिय स्तर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिदध है । महात्मा बुदध के इस पावन प्रांगण में पवित्रता,शुद्धता ,सरलता और सहजता को यहां आसानी से महसूस किया जा सकता है और आकर प्रत्यक्षतः देखा जा सकता है । तवांग फेस्टिीवल में मुख्यमंत्री ने जो बातें कहीं कि इस क्षेत्र में टूरिज्म को बढावा देकर रोजगार के क्षेत्र में भी कई नऐ अवसर खुलेंगे यह गौर करने वाली बात है और महत्व्पूर्ण है । नबाम टुकी के इस बात से भी सहमत हुआ जा सकता है कि तवांग में रिलिजन टूरिज्म ,कलच्रल टूरिज्म,स्प्रिीच्युल टूरिज्म को भी बढावा देना होगा। कठिन रास्ते को सुगम बनाया जा सकता है । हिन्दी फिल्मों में भी नार्थ ईस्ट के कला ,संस्कृति और क्षेत्र को शामिल करना होगा। दक्षिणी राज्य पर आधारित बालिवुड में फिल्म बनने के बाद अब यह भी जरूरत है कि नार्थ ईस्ट राज्य पर आधारित फिल्म का निर्माण हो । यह जरूरी है। इसके कई सकारात्मक पहलू सामने आऐंगे । बहरहाल, संचार को सकारात्मक नजरिए से देश के सभी क्षेत्रों में सम्प्रेषित करने की आवश्यकता है। मीडिया संस्थानों को भी यही करना चाहिए। देश का सभी भाग टीआरपी दे सकता है। यह चैनल पर समाचार पत्र-पत्रिका पर निर्भर करता है कि वह कैसे अपने आप को प्रस्तुत करे और स्थापित करे।

जितेन्द्र ज्योति(पत्रकार, ईर्स्टन स्काई मीडिया ,नोएडा )

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