भीड़ से अलग जूम टीवी का शो जूम इट

zoom 3वैसे तो म्यूजिक चैनलों पर ऐसे कार्यक्रमों की भरमार है जिन पर नजर डालेंगे तो आप धोखे में पड़ जाएंगे कि टीवी स्क्रीन है या फिर हम अपने सोशल वेबसाइट्स खोलकर बैठ गए हैं. सोशल मीडिया के आने के बाद से टीवी स्क्रीन तेजी से बदले हैं. लेकिन जूम टीवी का शो जूम इट इस भीड़ से थोड़ा अलग है.

इस शो की प्रेजेन्टर अपने को सोशल जॉकी बताती हुई कार्यक्रम पेश करती है. आरजे,वीजे,डीजे के बाद का ये नया मुहावरा है. कार्यक्रम के पूरे पैटर्न पर गौर करें तो एफएम रेडियो से बहुत अलग नहीं है और आप चाहें तो इसके तार आकाशवाणी के जमाने में शुरु हुए फरमाईशी गीतों के कार्यक्रम तक से जोड़ सकते हैं. लेकिन एक ही साथ ट्विटर, फेसबुक,यूट्यूब,गूगल हैंगआउट और गूगल प्लस का जितना बेहतरीन इस्तेमाल इस कार्यक्रम में किया जाता है, वो बाकी के कार्यक्रमों में देखने को नहीं मिलता. बाकी के कार्यक्रम इनसे से किसी एक या दो पर जाकर सिमट जाते हैं.

फिलहाल प्रोग्राम की कंटेंट को छोड़ भी दें तो ये समझने के लिए कि सोशल मीडिया का कितने तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे देखा जा सकता है. दूसरी तरफ ऑडिएंस भी एक ही साथ कितने माध्यमों का इस्तेमाल कर रही है और कार्यक्रम की पुरानी संरचना को ध्वस्त कर रही है, ये भी गौर करने लायक है. वो एक ही साथ ट्विटर से, फेसबुक के जरिए और यहां तक कि पच्चीस-तीस सेकण्ड की वीडियो बनाकर अपनी फरमाइश और बात रखती है जिसे कि सोशल जॉकी निकिता आइपैड के जरिए पेश करती है. उसकी पूरी बॉडी लैंग्वेज में सोशल मीडिया के संकेत शामिल हैं. लिहाजा जैसे टच स्क्रीन को हम हल्के से छूकर कंटेट से गुजरते हैं, वैसे ही वो सारे निर्देश देतीं हैं. टीवी स्क्रीन पर जो आ रहा होता है, वही आइपैड में भी दिख रहा होता है. इधर कार्यक्रम के आगे बढ़ने के साथ फेसबुक लाइक की संख्या बढ़ती चली जाती है जो कि टीआरपी के अलावे वर्चुअल स्पेस के अपने रीडर मीटर की तरह काम करता है.

जो लोग सोशल मीडिया को सिर्फ अन्ना आंदोलन या फिर टाइम पास से जोड़कर देखते आए हैं, उनके लिए ये शो इस मामले में भी खास है कि कैसे एक ऐसी दुनिया रची जाती है जहां जो इंटरनेट से बाहर है, वो वास्तविक और पिक्चर ट्यूब की दुनिया से भी बाहर है. जो नेटिजन नहीं वो सिटीजन नहीं. पूरे शो का परिवेश इस तरह से रचा गया है कि वो अपने आप में एक कम्प्लीट दुनिया सी लगे, ज्यादा भरोसेमंद और स्वाभाविक लगे.

जाहिर है इस शो की पूरी नींव इन सोशल मीडिया के बूते ही टिकी है और सोशल जॉकी सूत्रधार भर है लेकिन ऐसे शो आनेवाले समय में कई दूसरे पैटर्न के विकसित होने की संभावना पैदा करता है..और वैसे ही सोशल मीडिया के जरिए सामाजिक जागरुकता हो इससे पहले मनोरंजन की दुनिया अपना बाजार खड़ी करने में कामयाब है.

स्टार- 3
शो का नाम- जूम इट
चैनल- जूम टीवी
(मूलतः तहलका में प्रकाशित)

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