फारुख शेख,प्रेस क्लब और जब ‘एक मुलाक़ात’ बन गयी ‘आखिरी मुलाकात’ !

क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी
क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी

क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी

क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी
क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी

आज 27 दिसंबर है. ठीक एक साल पहले इसी दिन एक बुरी खबर आयी. खबर अभिनेता फारुख शेख से संबंधित थी. खबर आयी कि वे नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से उनका 27दिसंबर को देर रात दुबई में निधन हो गया.

एकबारगी यकीन करना मुश्किल था. अभी-अभी तो 6 दिसंबर को उनकी फिल्म ‘क्लब 60’ रिलीज हुई थी. मीडिया खबर डॉट कॉम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वे आए थे और वहां मौजूद पत्रकारों से बातचीत की थी.

कार्यक्रम आनन-फानन में आयोजित किया गया था. सिर्फ दो दिनों का समय ही मिला था.लेकिन फारुख साहब की शख्सियत का असर था कि बुलावे पर प्रिंट और इलेक्ट्रौनिक मीडिया के तमाम पत्रकार आए और उनसे बातचीत की.

क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी
मीडिया खबर के मंच पर फारुख शेख

कार्यक्रम में रघुवीर यादव भी मौजूद थे जो क्लब 60 फिल्म में फारुख शेख के साथ एक महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे थे. लेकिन सबकी नज़रें फारुख शेख साहब पर टिकी हुई थी. उनका सवालों के जवाब देने का तरीका और बीच-बीच में चुटीला अंदाज प्रेस क्लब की उस शाम को और मोहक बना रहा था.
गुडगाँव में किसी फिल्म की शूटिंग बीच में छोड़ वे कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे. उन्हें वापस जाना था.लेकिन फिर भी उन्होंने एक बार भी कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई. इत्मीनान से बातचीत कर रहे थे. अपनी बात रख रहे थे. सवालों के जवाब दे रहे थे और बीच-बीच में चुटकियाँ भी ले रहे थे जिससे गंभीर बातचीत के बीच भी माहौल हल्का हो जाता था.

क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी
क्या पता था कि प्रेस क्लब में फारुख शेख के साथ वह मुलाकात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी

कार्यक्रम के बाद फोटो सेशन का दौर भी चला. फारुख शेख के साथ तस्वीरें खिचवाने की होड़ सी मच गयी.थोड़ी-बहुत अफरा-तफरी भी हुई.लेकिन फारुख साहब सदा की तरह मुस्कुराते हुए लोगों के साथ तस्वीरें खिचवाते रहे. इनमें एक प्रेस क्लब के नियमित शराबीनुमा पत्रकार भी थे जिन्होंने इतनी पी ली थी कि आउट ऑफ कंट्रोल होकर बस इधर-उधर लुढकते फिर रहे थे.

फारुख साहब बिल्कुल ठीक दिख रहे थे. पूर्णतया स्वस्थ और प्रसन्नचित्त मुद्रा में. तभी किसी ने सोंचा भी नहीं था कि वे इतनी जल्दी चले जायेंगे. महज 65साल की उम्र ही तो उनकी हुई थी. लेकिन जिंदगी और मौत पर किसका बस चला है!

क्लब 60 के प्रोड्यूसर कवि कुमार के घर आकर वे किसी दिन लंच करना चाहते थे. खाने-पीने के शौकीन थे. नॉनवेज के प्रेमी. कवि कुमार इंतजार करते रहे , वे नहीं आए. क्लब 60 के निर्देशक अपनी अगली फिल्म का प्लाट उन्हें ध्यान में रखकर बना रहे थे. लेकिन वादों और योजनाओं से बड़ी साबित हुई काल की क्रूरता. यही कार्यक्रम दिल्ली में उनका आखिरी कार्यक्रम साबित हुआ और क्लब 60 आखिरी फिल्म जो उनके जीते-जी रिलीज हुई और इसी मनहूस दिन उनके निधन की खबर दुबई के रास्ते दिल्ली आयी और पूरा बॉलीवुड और सिनेमाप्रेमी दर्शकों को शोक में डूबा गयी.

संयोग देखिए मीडिया खबर ने कार्यक्रम का नाम ही रखा था – “एक मुलाकात फारुख शेख के साथ.” लेकिन क्या पता था कि वो मुलाक़ात आखिरी मुलाक़ात साबित होगी. ऐसे पढ़े-लिखे संभ्रांत अभिनेता बार-बार नहीं पैदा होते. नमन.उम्मीद करते हैं कि मेनस्ट्र्रीम मीडिया भी उनको याद करेगा.

(फारुख शेख के साथ आखिरी मुलाक़ात की तस्वीरें – (स्थान:दिल्ली का प्रेस क्लब), तिथि – 1,दिसंबर,2013)

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