शहाबुद्दीन की रिहाई पर अजीत अंजुम बोले कानून अंधा है
बिहार में आतंक का पर्याय बन चुके शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया आ रही है. ज्यादातर प्रतिक्रिया रिहाई के विरोध में ही है. उसकी रिहाई के तुरंत इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम ने कई ट्वीट किए. चुकी वे खुद् बिहार से हैं तो शहाबुद्दीन की रिहाई का मतलब बखूबी समझते हैं.पढ़िये उनके ट्वीट –
- कानून कितना अँधा होता है,ये समझने के लिए गैंगस्टर शहाबुद्दीन की रिहाई ही काफी है .कत्ल करवाता गया,गवाह पलटते गए
- गवाह गूंगा हो गया….कानून अँधा हो गया…सिस्टम बहरा हो गया और क़त्ल के इल्जामों से बरी होकर कातिल बाहर आ गया ..अब वो पाक साफ है,बेदाग है …जय बोलो शहाबुद्दीन की
- ताकत और पैसा हो तो क़त्ल करके भी कैसे बचा जा सकता है ,शहाबुद्दीन ने दिखा दिया है .ठेंगे पर कानून, गूंगे हुए गवाह
- जिस पर 63 मुकदमें हों,कत्ल के कई मामलों का मुख्य आरोपी हो,घोषित गैंगस्टर हो , वो भी छूट जाए तो क्या कहेंगे ?
- कुछ मुस्लिम दोस्त शहाबुद्दीन की पैरोकारी सिर्फ इस बिनाह पर कर रहे हैं कि वो मुस्लिम है.अरे भाई,वो 63 मुकदमों में आरोपी रहा है .( 1/3)
- शहाबुद्दीन गैंगस्टर है,बाहुबली है , कईयों के कत्ल का सीधा इल्जाम है उसपर …गवाहों तक के क़त्ल हुए. जेल से सुपारी दी गई. ( 2/3)
- अंधे कानून,गूंगे गवाह और बहरे सिस्टम का फायदा उठाकर वो छूट गया …उसे अपनी कौम का रहनुमा मत बनाइए.गैंगस्टर है, गैंगस्टर रहने दीजिए ( 3/3)