कुमुद सिंह,पत्रकार
आज बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती मनायी गयी। किसी भी नेता के लिए किसी राज्य का तीन दशकों तक नेत्तृत्व करना एक सपना ही हो सकता है। एक प्रकार की व्यवस्था में भी यह मुश्किल है, जबकि श्री बाबू दो प्रकार की व्यवस्था में ऐसा करनेवाले महान नेता थे।
1936 से 1947 तक के ब्रिटिश सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री थे। 1947 से जब तक सांस चली श्रीबाबू बिहार को नेत्तृत्व देते रहे। इतने लंबे समय में उन्होंने बिहार को जो आधारभूत संरचना दी या दिलायी, वैसा फिर कभी बिहार को नहीं मिला।
आज बिहार के हक की बात करने के लिए भी जातिगत मंच की तलाश हो रही है। श्रीबाबू कभी भी बिहार को जातिगत सांचे में नहीं बांटा, ये अलग बात है कि उनकी जाति के लोग आज उन्हें अपनी जाति में कैद रखने में सफल होते दिख रहे हैं। शेखपुरा से ज्यादा बेगूसराय को जब श्रीबाबू की याद आयेगी, बिहार खुद ब खुद विकसित हो जायेगी।
(स्रोत-एफबी)