वेद उनियाल
नेताओं अधिकारियों के बयानों को दिखाने के लिए भोंपू बना है देहरादून जी टीवी। जब भी जी टीवी खोलो, कोई नेता या अधिकारी बयान देता हुआ दिखता है। उत्तराखंड समस्याओं से जूझ रहा है। गांव से लोगों का पलायन हो रहा है। आपदा के सवाल जस के तस है।
मगर जी टीवी देहरादून में नेताओं के बयानों तक सीमित है। पत्रकारिता का यह भद्दा स्वरूप है। उत्तराखंड में पत्रकारिता के नाम पर मजाक है ये। नेताओं और अधिकारियों के लिए सुविधा का माध्यम बना है जी टीवी। हम टीवी के दर्शकों को पहाड़ों की , राजधानी की खबरें चाहिए। न कि केवल नेताओं की बयानवाजी। ई टीवी कैसा भी है पर राज्य के कुछ सवाल उठाता है। जी टीवी तो एकदम नेताओं का भौंपू बना है।
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