कहते हैं चोर चोरी से जाए हेरा – फेरी से न जाए. ऐसा ही कुछ हाल जी न्यूज का हो गया है. जी न्यूज की साख तो कोयले की कालिख से काली हो ही चुकी है. सो अब वह बेशर्म हो चला है. शर्म – हया छोड़ मीडिया को खुलेआम मंडी बनाकर बेचने की कोशिश करता दिखने लगा है.
अपने संपादकों को सौ करोड़ मांगने नवीन जिंदल के दरवाजे भेजा. लेकिन वहां पैसा तो नहीं मिला , उलटे स्टिंग की सीडी मुफ्त में मिल गयी जिसकी बड़ी कीमत जी न्यूज को चुकानी पड़ी और उगाही वाले दोनों संपादक तिहाड़ जेल पहुँच गए.
अब जी ग्रुप के मालिक और संपादक कोर्ट – कचहरी और पुलिस के चक्कर काट रहे हैं और साख बचाने की अंतिम कोशिश के तहत मान – हानि का दावा करते फिर रहे हैं.
जाहिर है कि ये सब करने में जी न्यूज़ का काफी पैसा खर्च हो रहा है. उधर सौ करोड़ नहीं मिले, इधर ये खर्चा. अब इसी खर्चे की भरपाई के लिए जी न्यूज ने सरोकार के साथ धन कमाने की युक्ति निकाली है.
दिल्ली में महिला के साथ दुष्कर्म मामले से जहाँ पूरा देश हतप्रभ हैं और आक्रोश में सड़कों पर उतर रहा है वही इस खबर को दिखाने और मुहिम चलाने के एवज में जी न्यूज एसएमएस की शक्ल में पैसा बटोरने में लगा है.
जी न्यूज़ कहता है कि दुष्कर्मियों के खिलाफ जी न्यूज की मुहिम में शामिल होइए. ज़ी न्यूज़ की मुहिम से जुड़े. रेप के खिलाफ शपथ. एसएमएस कीजिये ZN Y पर 57575 पर भेजें.
न्यूज़ चैनल गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं. लेकिन कदर ये आज ही पता चला. सरोकार की आड़ में भी व्यापार.
मीडिया खबर के पाठक ने इसी मसले पर सख्त टिप्पणी करते हुए लिखा कि –
‘ज़ी न्यूज़ वालों का दोगलापन — अमित 2012-12-22 17:02
आप ये शपथ लें की हम बलात्कार के खिलाफ चल रही इस मुहिम को थमने नहीं देंगे
शपथ लेने के लिए “हमें” एसएमएस करें 57777 पर —– ज़ी न्यूज़
(एसएमएस चार्जेस 5 रुपये प्रति एसएमएस)’
इंडिया टुडे सेक्स के नाम पर महिलाओं की नंगी तस्वीर छाप कर (पत्रिका की बिक्री के ज़रिये) पैसे कमाता है तो ज़ी-न्यूज़ बलात्कार की शिकार औरत से सहानभूति के लिए पैसे माँगता है ! वाह , क्या बात है ? बड़े लोगों की बड़ी बातें ! इसी तरह बड़े मीडिया हाउसेस के बड़े “कारनामे” ! मगर क्या करें! पैसा बोलता है , चाहे सेक्स के नाम पर या बलात्कार के नाम पर !