नदीम एस.अख्तर,वरिष्ठ पत्रकार-
मेरे कई खबरी हैं। एक दिन मैंने पहले खबरी को बुलवाया और कहा-जानते हो! मुझे 2 करोड़ की लॉटरी लगी है। किसी को बताना मत! और बात गुपचुप तरीके से पूरे मोहल्ले में फ़ैल गई।
फिर मैंने दूसरे खबरी को बुलवाया और कान में फुसफुसाया – पता है, मेरे घर की खुदाई में तीन सोने से भरे घड़े निकले हैं। खबरी बोला- अच्छा!!!! मैंने कहा-किसी को बतइयो मत! और बात पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई।
अब तीसरे खबरी को बुलाया। चाय पिलाई फिर कहा- सुनो, बहुत सीक्रेट बात बताता हूँ। हमारे पुरखों ने अपने घर की दीवारों के अंदर हीरे-मोती चुनवा रखे थे। कल पुरानी दीवार को मरम्मत के लिए तुड़वा रहा था तो पता चला। लेकिन तुम इस बारे में अपना मुंह बंद ही रखना। खबरी ने हाँ में सिर हिला दिया और तेज़ी से बाहर निकल गया। थोड़ी ही देर में अड़ोसी-पडोसी अपने-अपने घरों की पुरानी दीवारें हीरे की आस में तोड़ रहे थे। और मैं आराम से अपने घर में बैठकर चाय की चुस्कियां लेते हुए उनकी अक्ल पे हंस रहा था।
यही हाल आजकल यूपी में भी है। योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने को लेकर कई खबरी तरह-तरह के ज्ञान दे रहे हैं। कोई कहता है कि संघ प्रमुख ने मोदीजी से योगीजी को मांग लिया। कोई बताता है कि योगीजी ने मोदीजी को धमकी दी थी कि सीएम नहीं बनाया तो अपनी सेना से पूरा बनारस जलवा दूँगा! कोई फरमाता है कि अगर योगी जी सीएम नहीं बन पाते तो यूपी बीजेपी को तोड़ देते। कोई प्रवचन देता है कि ये सब मोदीजी और अमित शाहजी ने एक गुपचुप रणनीति के तहत किया वगैरह-वगैरह।
अब आप ही सोचिए कि पत्रकारों को -अंदर की खबर- देने वाले लोग मेरी तरह आराम से अपने घर में मौज ले रहे हैं और ये अलग-अलग खबरी (पत्रकार पढ़ें) प्लांटेड स्टोरीज को exclusive बताकर बेच रहे हैं। हक़ीक़त क्या थी, ये कोई जान भी पाएगा क्या? अंदर तक घुसपैठ रखने वाला बड़े से बड़ा पत्रकार भी वही बताएगा, जो उसके कान में फुसफुसाया जाएगा और वो बाहर निकलकर मेरे खबरी की तरह ढिंढोरा पीटता फिरेगा।
लेकिन सवाल अभी भी शाश्वत सत्य की तरह वहीँ खड़ा है कि आखिर योगीजी को सीएम किसने बनवाया या बनाया?!!? जवाब मैं दे सकता हूँ पर पहले आपको ये बताना होगा कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?!!
(लेखक के सोशल मीडिया वॉल से)