लाइफ ओके का नया शो “वेलकमः बाजी मेहमान नबाजी” की वैसे तो ब्रिटिश टीवी शो “कम डाइन विद मी” का भारतीय संस्करण है लेकिन इसका बड़ा हिस्सा बिग बॉस और फिल्म भेजा फ्राय से मेल खाता है. बस ये है कि यहां बिग बॉस की तरह बंद घर नहीं है. शो में मनोज तिवारी,निगार खान जैसे कुल पांच सिलेब्रेटी को शामिल करने के पीछे नीयत यही है कि तमाशा एलिमेंट पैदा हो जिसमे कि राम कपूर जैसे मिलनसार शख्स(टीवी स्क्रीन के आधार पर) चेक एंड बैलेंस का काम करेंगे.भूतपूर्व चैनल इमैजिन टीवी द्वारा रचाए गए स्वयंवर में उन्होंने ये काम बखूबी किया है. उधर बड़े अच्छे लगते हैं के राम कपूर ने दर्शकों के बीच इतनी लोकप्रियता और साख तो जरुर अर्जित कर ली है कि यहां उन्हें होस्ट की भूमिका में संतुलन बनाए रखने का काम सौंपा जा सके.
शो का कॉन्सेप्ट बस ये है कि इन पांच सिलेब्रेटी में एक होस्ट होंगे और बाकी चार लोग उनके यहां डिनर पर जाएंगे. इस दौरान वो होस्ट के घर में इतनी तबाही मचाएंगे कि कहीं से लगे नहीं कि वे नार्मल इंसान हैं. अब होस्ट की बहादुरी इस बात में है कि वो इनके पागलपन को किस हद तक बर्दाश्त करता है.
शो में अतिथि इतने हावी हो जाते हैं कई बार आपको लगेगा कि अतिथि तुम कब जाओगे के चाचाजी(परेश रावल) के पांच खांचे बनाकर उनमें इन सिलेब्रटी को डाल दिया गया है. अगर आप दिल्ली,मुंबई या ऐसे शहर में रहते हों जहां कि एफएम चैनल आते हों तो उनमें ऐसे शो और फिलर्स की भरमार है जिनमे जॉकी लिस्नर को कॉल करके इस हद तक इरिटेट करते हैं कि आखिर तक आते-आते वो मां-बहन की गालियां देने लग जाते हैं. अभी तक तो इसमें पागलपंथी और बदतमीजी के नाम पर चीजों को फेंकने-पटकने,एक-दूसरे को गंदा करने का ही सिलसिला जारी है. ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं है जिससे कि एमटीवी शो की तरह बार-बार बीप करनी पड़े.
लेकिन अगर शो सिर्फ रामकपूर जैसे संजीदा होस्ट और पांच खुराफात सिलेब्रेटी के दम पर नहीं चल पाता है तो आगे भाषा का मिजाज एमटीवी से अलग नहीं होगा और शारीरिक क्रियाओं में भाषा की बदतमीजी जल्द ही शामिल हो जाएगी. तब वो दिन दूर नहीं कि इसे लेकर संसद तक में सवाल उठे. फिलहाल शो की यूएसपी इस दिशा में बढ़नी चाहिए कि समाज में लोगों के बीच किस हद तक एग्रेशन है और उसे किस शांत भाव से निपटने की कला विकसित की जाए. ऐसा होने पर ये एक कार्थासिस शो बन सकेगा.
स्टार- 3
(मूलतः तहलका में प्रकाशित. )