यूएनआई में पीएफ घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब यूएनआई में चेयरमैन और तीन निदेशकों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। पुलिस ने इन चारों के घर के पते भी उठा लिये हैं। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि पुलिस उनकी धरपकड़ के लिए घर पर भी छापा मार सकती है।
यूएनआई प्रबंधन के कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं करने पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने थाना संसद मार्ग में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इसमें यूएनआई के बोर्ड अध्यक्ष पी के माहेश्वरी और तीन निदेशकों विश्वास त्रिपाठी, सुभाष शर्मा और श्रीपति अकोलेकर के नाम शामिल हैं। प्राथमिकी में कहा गया है कि करीब सात करोड़ रूपये की पीएफ देनदारी यूएनआई पर है लेकिन पिछले कई महीनों से यह पैसा जमा नहीं किया गया है। इस मामले में यूएनआई को कई बार नोटिस जारी किये गये लेकिन किसी का उत्तर नहीं आया ।
पीएफ घोटाला सामने आने के बाद से यूएनआई के पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मियों में हड़कंप मच गया है। पहले से ही सैलरी संकट से जूझ रही यूएनआई में इस घोटाले की जानकारी मिलने के बाद से रोष फैल गया है।
हाल ही में यूएनआई के संपादक और अन्य दो अन्य कर्मी दलित उत्पीड़न के बहुचच्रित मामले में जेल की हवा खा कर इतिहास में काले अक्षरों में अपना नाम लिखवा चुके हैं।