पत्रकारिता के पतन के इतिहास में इस चैनल का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा !!
सौरभ आर्य
इस स्टोरी में घटना के हर एक मोड़ पर नई रिपोर्टर का गाड़ी में सवार होकर कहानी को सुनाना सबसे महत्वपूर्ण चीज नज़र आ रही है. जैसे वे किसी रोमांच यात्रा पर हों…यहां घटना का कंटेंट सेकेंडरी है….चटपटी प्रेजेंटेशन प्राइमरी हो चली है.
ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग में जरूरत से ज्यादा नाटकबाजी रिपोर्टिंग को घिनौना बना देती है.
हम जानते हैं कि ये आपके चैनल की टीआरपी के लिए ताजा खाद-पानी है जिस पर अगले चार-छह रोज चैनल टीआरपी की उखड़ती सांसों को ऑक्सीजन देगा…पत्रकारिता के पतन के इतिहास में इस चैनल का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा !!
(स्रोत-एफबी)