(मनीष ठाकुर)-
ओडिसा के बालासोर से एक खबर आज दिल्ली पहुंची,”एड्स से हुई मौत के कारण ,गांव वालो ने शमशान में अंतिम संस्कार करने पर लगाई रोक’।
बुद्धु बक्से से खबर निकलते – निकलते, वो दलित की लाश हो गई। खबर चलने लगी ”उडिसा के बालासोर में दलित की लाश जलाने से रोका”।
कमाल है ..लोगो में एड्स के प्रति अज्ञानता को लेकर जागरुकता फैलाने के बदले लगे खबर बेचने। ज्यादातर चैनलों की तरह इस खबर को राष्टवाद के सबसे बड़े नशेरी चैनल की एंकर भी चबा चबा कर पेश कर रही थी।
ध्यान रहे यहां एजेंडा पत्रकारिता पर रोक है। क्या टीवी मीडिया में अब शर्म की कोई गुंजाइश नहीं है। वो दलितो का इलाका था। लोगों में भय का आलम था कि एड्स पीडित को जलाने से गांव में एड्स फैल जाएगा। उनकी मुर्खता से फैल जाने दो…. ऐसा एड्स, पर तुम जो फैला रहे हो न वह उससे भी खतरनाक है।
रत्ती भर शर्म हो तो पेशे की प्रतिष्ठा के लिए अकेले में ही सही चिंतन करना जरुर…….सिर्फ इसलिए ताकि खुद को माफ कर सको…
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