अमूमन ट्रोल्स करने वाले अपने शिकार को ढूंढते हैं,लेकिन अब एक उल्टा मामला ही प्रकाश में आया है.वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल आजकल ट्रोल्स को ढूंढ रहे हैं और उनके चले जाने से बेहद परेशान हैं. पढ़िए क्या लिखते हैं –
1-ट्रोल्स के मेरी वाल से चले जाने से मुझे काफी नुकसान हो रहा है. लाइक्स और शेयर में गिरावट दर्ज हो रही है. आपको अगर कहीं ये लोग मिलें, तो कहें कि वे लौट आएं. मैं उन्हें कुछ भी भला-बुरा नहीं कहूंगा.
अगर किसी ने मेरे ट्रोल्स को बुरा-भला कहा तो ठीक नहीं होगा.
कहे देता हूं.
2-मेरी फेसबुक वाल पर आने वाले सारे ट्रोल तुम कहां हो. आ जाओ. तुम्हें कोई कुछ नहीं कहेगा. मुझे उम्मीद है कि तुम सबकी नौकरी सुरक्षित है और तुम्हें समय पर वेतन मिल रहा होगा. जहां रहो, खुश रहो. तरक्की करो. आदमी बनो.