भारत सरकार ने 28 जनवरी 2014 को आईपीएस कैडर संशोधन नियम 2014 पारित कर आईपीएस अफसरों की न्यूनतम तैनाती 2 वर्ष तय कर दी लेकिन यूपी में इस नियम का रोजाना उल्लंघन हो रहा है.
आरटीआई कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार इस नियम के बनने के बाद 30 जनवरी के अमिताभ ठाकुर के तबादले आदेश से ले कर अब तक लगभग 9 महीने में 86 तबादले आदेश जारी किये जा चुके हैं. इन आदेशों के जरिये कुल 524 आईपीएस अफसरों का तबादला हुआ है. 07 जून के एक आदेश से 52 अफसरों का एक साथ तबादला किया गया था. इन आदेशों में तबादले का कारण नहीं बताया गया है जबकि नियम से यह अपेक्षित है.
यूपी में कुल 405 आईपीएस अफसर हैं और इस प्रकार पिछले मात्र 9 माह में आईपीएस अफसरों का औसतन 1.2 बार तबादला किया जा चुका है जबकि न्यूनतम तैनाती 2 साल निर्धारित की गयी है.
इस दौरान 84 अफसरों को डीजीपी कार्यालय से सम्बद्ध किया गया और 17 अफसरों के आदेश निरस्त किये गए. डॉ ठाकुर के अनुसार यह तबादलों की आपाधापी को पूरी तरह दर्शाता है.
आरटीआई सूचना के अनुसार इस दौरान 120 अफसरों का एक से अधिक बार तबादला हुआ. कृपा शंकर सिंह, मोहित गुप्ता, लव कुमार, विजय कुमार गर्ग, शरद सचान, श्रीपर्णा गांगुली, विक्रमादित्य सचान, उमेश कुमार श्रीवास्तव, अनीस अहमद, राजेश कृष्ण, अलंकृता सिंह, दिनेश चन्द्र दुबे, जीतेन्द्र शुक्ला और हैप्पी गुप्तन के 9 महीने में 5 बार तबादले हो चुके हैं.
यहाँ तक कि एएसपी के भी बीच सेशन तबादले हुए हैं. स्वप्निल ममगोई 11 फ़रवरी को गाज़ियाबाद तैनात हुए और उन्हें 29 सितम्बर को झाँसी भेज दिया गया.