आलोक पुराणिक,व्यंग्यकार
धन-हित में जारी-
बुरा ना मानें दीवाली है।
सस्ते सैटलाइट बनाने की टेक्नोलोजी चाहे हम अमेरिका को दे सकते हों, पर महंगी चड्ढी बनाने की टेक्नोलोजी हम अमेरिका से लेकर आते हैं। अमेरिकन मूल की जौकी-चड्ढी को इंडियावाले दबादब खरीद रहे हैं। कितना दबादब , यह देखिये जौकी चड्ढी को इंडिया में बनानेवाली कंपनी पेज इंडस्ट्रीज का शेयर पिछले पांच साल में 13 गुना हो गया और सात साल में 20 गुना।
टाप इंडियन बैंक- एचडीएफसी बैंक का शेयर दस साल में ग्यारह गुना ही हो पाया।
रे अमरीका तू भौत श्याणा है रे।
(स्रोत-एफबी)