अभय सिंह –
सेना के सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान से भी अधिक कांग्रेस में हाय तौबा मची है।सर्वप्रथम कांग्रेस की दरकती पृष्ठभूमि में जाना उचित होगा।
वर्ष 2011 में अन्ना हज़ारे का सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में जिस तरह देश एकजुट था, ठीक उसी तरह की एकजुटता का विहंगम दृश्य सेना के सर्जिकल स्ट्राइक में भी देखने को मिला। लेकिन दोनों अभूतपूर्व ऐतिहासिक घटनाओं में सबसे अधिक भयभीत कांग्रेस पार्टी ही रही क्योकि पहली घटना ने उनके भ्रष्टाचार की और दूसरी ने उनकी ढुलमुल पाकिस्तान नीति की पोल खोली।
मोदी के बढ़ते कद से घबराई कांग्रेस ने पहले तो सर्जिकल स्ट्राइक की तारीफ़ की फिर उन्ही के प्रवक्ता ने इसके सबूत मांगे और जब सबूत मिले तो खिसियाए राहुल गांधी के खून की दलाली के बयान ने उनकी और फजीहत कराई।
इसके बाद भी कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक को कमतर बताने के मकसद से पी चिदंबरम को आगे किया जिनके इंटरव्यू को एनडीटीवी ने प्रसारित ही नहीं किया।
एनडीटीवी को कांग्रेसी, चैनल का तमगा पहले से हासिल है।लेकिन चैनल के एकाएक राष्ट्रवाद की और उन्मुख होने से कांग्रेस,वामपंथियो,बुद्धिजीवियो में सिहरन पैदा कर दी।
जब बात यहाँ भी नहीं बनी तो राज्यसभा टीवी पर बतौर एंकर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश जी ने कांग्रेस का मोर्चा सँभालते हुए चिदंबरम-एनडीटीवी विवाद के मुद्दे पर कांग्रेस- वामपंथी प्रवक्ता के तौर पर पक्षपातपूर्ण बहस कर डाली और भारतीय मीडिया को कोसा और पाकिस्तानी पत्रकारो की पीठ थपथपाई।
दुर्भाग्य तो देखिये उर्मिलेश जी ने चर्चा के दौरान पाकिस्तानी पत्रकार द्वारा भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की खिल्ली उड़ाने का जरा भी विरोध नहीं किया । उलटे उनसे दुबारा अपनी फजीहत कराने का वचन लिया।
मेरा कांग्रेस से बस यही प्रश्न है की क्या मोदी में इंदिरा गांधी की छवि को देखकर उन्हें कांग्रेस मुक्त भारत का भय सता रहा है ? (बातचीत का वीडियो नीचे )
अभय सिंह
राजनैतिक विश्लेषक