सुयश सुप्रभ
रागिनी एमएमएस 2 में सनी लियोन को जब एक दृश्य में सरकारी बोर्ड दिखता है तो वे अपने साथियों से ‘यहाँ आना वर्जित है’ में ‘वर्जित’ का अर्थ पूछती हैं। ऐसी भाषा किस काम की जो न तो सनी लियोन समझ पाएँ न उन्हें चाहने वाले लाखों लोग।
जनता से बात करते समय जनता की भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। जब ‘मना है’ लिखने से काम चल सकता है तो ‘वर्जित’ लिखकर जनता के मन में हिंदी की छवि भूतों जैसी क्यों मनाई जाए?
ऐसी हिंदी किस काम की जिसे लोग समझ ही न पाएँ और ‘वर्जित’ जगह जाकर अपनी जान गँवा बैठें? सनी लियोन के मुँह से यह संवाद बुलवाने वाले सिनेमाकर्मी का शुक्रिया।