नदीम एस अख्तर
अगर ये सही है तो सुदर्शन चैनल का लाइसेंस तत्काल कैंसल होना चाहिए और इसके सम्पादक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। Broadcast Editors Association (BEA) को भी चैनल के सम्पादक से जवाब तलब कर आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही उपराष्ट्रपति के आॅफिस को भी मामले का संज्ञान लेना चाहिए।
वसीम अकरम त्यागी (Wasim Akram Tyagi)
सुदर्शन नाम के चैनल की औकात सिर्फ इसलिये बढ़ गई है कि देश ने आठ सौ साल बाद कोई ‘हिंदू’ प्रधानमंत्री देखा है। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के सलामी के मामले को चैलन अब तक चला रहा है। आज उसने फिर उसने इसी सीरीज का पार्ट – 4 चलाया है। जिसका शीर्षक है ‘हामिद अंसारी जवाब दो’। क्या जवाब दें हामिद अंसारी ? क्या यह जवाब दें हामिद अंसारी कि उनका नाम हरवीर नहीं है बल्कि हामिद है इसलिये तूल दिया गया ? या फिर यह जवाब दिया जाये कि गलती तो राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री ने की थी फिर उन्हें क्यों घसीटा गया। यही जवाब सुनना चाहते हैं न ये मुंह में बावासीर और जेब में राष्ट्रवाद का सर्टिफिकेट रखने वाले ? एक पूरा चैनल पूरी तरह से देश के उपराष्ट्रपती के खिलाफ खड़ा हो गया है मगर राष्ट्र को शर्म नहीं आ रही है, क्या तह शर्म आयेगी जब पुतला दहन होगा उसी तरह जिस तरह नेताओं का होता है ? ऊपर से फोन इन जिनमें अधिकतर लोग हामिद अंसारी को पाकिस्तान भेज रहे है। क्या जवाब दें हामिद अंसारी और क्या जवाब दे इस देश की सैकूलर अवाम यही कि वे 47 में पाकिस्तान सिर्फ इसलिये नहीं गये थे क्योंकि उन्हें भारत के तथाकथित राष्ट्रवादियों की गालियां पसंद थीं उनकी फब्तियां पसंद थीं ? उसके बाद भी सर्टिफिकेट की दरकार है जिसके लिये भी शर्त लगाई हुई है कि आरएसएस या भाजपा के कार्यालय से ही मिलेगा। कैसी भौंडी सोच लेकर जी रहे हैं लोग यहां इस मुल्क में ? कैसे जहर घोला जा रहा है सुदर्शन जैसे चैलनों द्वारा ? यह रास्ता विकास की तरफ तो बिल्कुल भी नहीं ले जा सकता। हां तबाही की तरफ जरूर लेकर जा रहा है। @fb 31 January,2015
ye media khabar site ko band kar iske sampadak ko pakistan bhej dena chahiye ye paid site hai hamdi ansaari ko jawab kiyun nahi dena chahiye kya desh ka apman karne waale ko sirf isliye saja nahi milne chahiye kiyunki wo musalmaan hai