फ़िल्म PK के बहाने धर्म पर चर्चा कर रहे सुदर्शन चैनल के इस एंकर की बात आप सुन लें तो बहुत आसानी से समझ सकते हैं कि धार्मिक उन्माद की जड़ें कहाँ पनपती है.
एक तरफ आज एक ऐसी पत्रिका पर आतंकवादी हमला हुआ है और जिसमे 10 पत्रकारों की जान चली गयी जो पाखण्ड के विरुद्ध और जनतंत्र के पक्ष में खड़ा रहा है और दूसरी तरफ हमारे यहाँ एक ऐसा चैनल सीना तानकर तेजी से मज़बूत हो रहा है जो कि बुनियादी रूप से जनतंत्र के विरुद्ध और पाखण्ड के पक्ष में है.
आप इस चैनल की वैचारिक समझ पर बात न भी करें तो ऐसी भाषा में बात करता है जो कि संवैधानिक स्तर पर देखने पर कटघरे में आ जाए और उतने ही महान इन्हें फ़ोन करके अपनी राय देनेवाले दर्शक. खुलेआम कह रहे हैं-इस फ़िल्म को आमिर खान ने,पी करके बनाया है,शराब पीकर बनाया है,होश में बनाया होता तो ऐसा नहीं बनाता.
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