सुजीत ठमके-
उत्तरप्रदेश विधानसभा के चुनावों में बसपा, सपा. कांग्रेस को मोदी लहर से करारी हार मिलने के बाद बसपा प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन करने को लेकर गंभीरता से सोच-विचार कर रहा है। तीनों पार्टियाँ हार का ठीकरा ईवीएम पर मढ़ रही है।
लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मुस्लिम, यादव, दलित और पिछड़े समुदाय में वोट का बिखराव बसपा, सपा, कांग्रेस हार की प्रमुख वजह है। तीनों के वोट शेयर पर नजर डाले तो यह वोट प्रतिशत 51% होता है और भाजपा का 39% प्रतिशत है।
वर्ष 2014 के बाद से देश में मोदी का मैजिक हावी है। वोटर मोदी को एक करिश्माई नेता के रूप में देखते है। आंतराष्ट्रीय अलग अलग सर्वे बता रहे है की 2019 में भी मोदी की केंद्र में वापसी तय है। ऐसे में बसपा, सपा, कांग्रेस को अपना राजनीतिक वजूद बचाने का संकट है।
इस खतरे को भांपते हुए बसपा प्रमुख मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव तथा राहुल गांधी कॉमन मिनिमन प्रोग्राम के तहत यूपी में महागठबंधन कर सकते है. तीनों दलों के वरिष्ठ नेता दबी जुबान में इस बात को कह भी रहे हैं। लेकिन क्या महागठबंधन कर ये अपनी राजनीतिक ज़मीन बचा पायेंगे?
(सुजीत ठमके)