(प्रेस विज्ञप्ति)-
सोशल मीडिया ने एक बार पुनः अपनी महत्वत्ता को जोरदार तरीके से दर्ज किया है ! गत 15 दिनों से अधिक समय से इस दिवाली त्यौहार पर चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान घरों तक पहुँच कर महिलाओं और बच्चों के बीच तक चर्चा का विषय बना हुआ है जिसके कारण देश भर में व्यापारी वर्ग के बीच भ्रम की स्थिति है कि त्यौहार पर बिक्री करने के लिए किस चीज़ का स्टॉक किया जाए ! कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि विभिन्न राज्यों के होलसेल व्यापारियों से मिले संकेतों के मुताबिक रिटेलरों द्वारा चीनी सामान की मांग में गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है ! यदि ऐसा होता है तो चीन सहित अन्य देशों के लिए यह एक बड़ा और मजबूत संकेत होगा ! अगले सप्ताह से उपभोक्ता दिवाली की खरीदी के लिए बाज़ारों में आएगा तब स्थिति ज्यादा स्पष्ट होगी !
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की चीनी सामान के इस दिवाली सीज़न पर बहिष्कार से चीन को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि किसी भी सीजन से लगभग २-3 महीने पहले ही इम्पोर्टर्स सामान मंगवा लेते है ! चीनी सामान पहले ही यहाँ आ चुका है और यदि उपभोक्ता इसका बहिष्कार करते हैं तो इसका नुकसान अपने व्यापारियों को होगा लेकिन यदि लोगों ने ठान लिया है कि चीनी सामान का उपयोग नहीं करेंगे तो उपभोक्ताओं को बेहद मजबूती से आगे आना होगा जिससे इसके बाद क्रिसमस और नए साल के सीजन के लिए चीन से इम्पोर्ट करने के बारे में इम्पोर्टर्स निर्णय ले सकें और यदि चीन से सामान इम्पोर्ट नहीं हुआ तो चीन को एक बड़ा झटका लग सकता है !
इसमें कोई दो राय नहीं है की भारत चीन के लिए एक बहुत बड़ा बाज़ार है और पिछले कुछ वर्षों में चीनी उत्पादों ने बड़ी मात्रा में भारतीय बाज़ार में अपनी जगह बनायीं है जिनमें खास तौर पर खिलोने, फर्नीचर, बिल्डिंग हार्डवेयर, पटाखे, बल्ब और बिजली उपकरण, फर्निशिंग फैब्रिक, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, किचन उपकरण, गिफ्ट वस्तुएं, घड़ियाँ, सजावटी सामान, आदि प्रमुख हैं ! चीनी सामान की कीमत क्योंकि कम होती है और प्रचुर मात्रा में सामान उपलब्ध रहता है , इस वजह से चीनी सामान की लोकप्रियता भारत में बनी है!
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की चीनी उत्पादों के बहिष्कार का मामला बेहद महत्वपूर्ण है और अनेक विषयों से जुड़ा है ! अंतरराष्ट्रीय महत्व के साथ अन्य अनेक मुद्दे जुड़े होने के कारण इस विषय को समग्र रूप में देखा जाना बेहद आवश्यक है ! चीन भारत में एक बड़ा निवेशक भो है और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले इंजीनियरिंग प्रोडक्ट, रॉ मटेरियल आदि बड़ी मात्रा में चीन से आयात होते हैं ! यदि हमें चीनी सामान के उपयोग को बंद करना है तो पहले उनके विकल्प उपलब्ध कराने होंगे जिससे चीनी सामान पर निर्भरता को कम किया जा सके ! दूसरी तरफ सरकार को एक दीर्घकालीन नीति बनाकर घरेलु व्यापार एवं उद्योग को सक्षम बनाने के लिए नीति बनानी होगी जिससे कम दामों पर क्वालिटी का उत्पाद देश में बने और हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुकाबला कर सकें ! छोटे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की क्षमता का पूरा दोहन करना पड़ेगा और अत्याधुनिक तकनीक एवं जानकारी उपलब्ध कराते हुए रिसर्च एवं डेवलपमेंट पर एक बड़ी राशि खर्च करनी होगी ! यदि यह सारे कदम एक साथ उठाये जाएँ तो उपलब्ध संसाधनों के बल पर भारत का व्यापार एवं उद्योग किसी को भी पीछे छोड़ सकता है !