मीडिया इंडस्ट्री में आवाजाही चलती रहती है. लेकिन कई बार ये पता नहीं चलता कि व्यक्ति संस्थान से चला गया है या है? सहारा में ऐसी स्थिति हमेशा देखने को मिलती है. लेकिन इस बार एबीपी के पूर्व संपादक शाजी ज़मा के मामले में पहली बार एबीपी में भी ऐसा ही हुआ. शाजी ज़मा महीनों से चैनल से बाहर हैं लेकिन कभी खुलकर नहीं कहा कि वे समूह को अलविदा कह चुके हैं. कहा गया कि वे समूह के क्षेत्रीय चैनलों का काम देख रहे हैं जो सुनने में पहले से अटपटा लग रहा था.
ख़ैर अब शाजी ज़मा ने मेल करके सूचित कर दिया है कि एबीपी न्यूज़ से वे पूरी तरह से मुक्त हो गए हैं और फिलहाल बादशाह अकबर हैं. क्योंकि नौकरी से आज़ाद संपादक बादशाह ही तो होता है. वैसे वे अकबर पर किताब भी लिख चुके हैं जो राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई थी. इस दौरान उन्होंने दिल्ली की ऐतहासिक जगहों की यात्रा भी रोचक अंदाज़ में की थी. अब देखने वाली बात होगी कि वे न्यूज़ इंडस्ट्री में कहाँ से फिर नयी न्यूज़ स्क्रिप्ट लिखते हैं . कलम और भाषा के तो वे जादूगर हैं ही.