ये सिर्फ न्यूज एंकर रोहित सरदाना का संकट नहीं है
जी न्यूज के मीडियाकर्मी रोहित सरदाना ने सहारनपुर में मोबाईल नेटवर्क पर रोक लगा दिए जाने और जियो को तब भी बहाल रखने पर जो कुछ भी लिखा है, वो वही है जो कि एक मीडियाकर्मी को लिखना चाहिए. लेकिन
एकतरफा कवरेज, पत्रकारिता और चारण लेखन-वाचन में फर्क कर देने से लोगों के बीच उनकी साख इस कदर मिट्टी में मिल चुकी है कि लोगों को उनका लिखा स्वाभाविक नहीं लग रहा. किसी को लग रहा है, जी न्यूज में उनके दिन लदनेवाले हैं. कोई अश्लील भाषा का इस्तेमाल करते हुए मालिक से जोडते हुए गरिया रहा है. अफसोसनाक ये है कि कल तक जिनके पक्ष में एकतरफा होते रहे, वो कहीं ज्यादा आक्रामक भाषा में कमेंट कर रहे हैं.
एक मीडियाकर्मी के लिए इससे ज्यादा दयनीक स्थिति क्या हो सकती है कि समर्थक गाली-गलौच पर उतर आए, कल तक अहमत रहनेवाला अपने मुताबिक बोले जाने पर शक करने लगे और लिखे को कहीं से पत्रकारीय कर्म न माने.
रोहित सरदाना ने इसी तरह दो-चार ट्वीट कर दिए तो वोलोग ज्यादा अभद्रता पर उतर आ सकते हैं जिन्होंने अब तक पलकों पर बिठाकर रखा है. ऐसा इसलिए कि एकपक्षीय पत्रकारिता करते-करते उन्होंने अपना पक्ष छोड दिया है. वो पक्ष जो एक मीडियाकर्मी के पास हर-हाल में सुरक्षित रहना चाहिए. सरदाना इसकी कोशिश करते हैं तो आगे देश विरोधी उपमा से नवाजे जाएंगे.
बिडंबना देखिए कि एक ही दिन वो अपने को नंबर वन बनाने के लिए लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं और घंटे भर के अन्तराल में लोग उन पर शक करने लग जाते हैं. आपने दरअसल टेलिविजन के जरिए लोगों को दर्शक के बजाय मनोरोगी में, मॉब में बदल दिया है. अब वो आपके लिए भी उतने ही घातक हैं.