माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में सत्रारंभ-2013 का प्रबोधन कार्यक्रम का पहला दिन
भोपाल । पत्रकारिता के माध्यम से एक पत्रकार समाज तक अपनी बातों को सशक्त तरीके से पहुंचा सकता है और उनकी बातों का प्रभाव भी समाज पर पड़ता है। यही बातें पत्रकार को भीड़ से अलग करती है। लेकिन इनके साथ-साथ यह पवित्र पेशा कई जिम्मेदारियों से भरा हुआ होता है। ये बातें दैनिक समाचारपत्र राष्ट्रीय सहारा के समूह संपादक श्री रणविजय सिंह ने कही। श्री सिंह माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के दो दिवसीय सत्रारंभ के प्रबोधन कार्यक्रम के पहले दिन पहले सत्र में नवआगंतुक विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। रवींद्र भवन में चल रहे कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के कमजोर होने से लोकतांत्रिक व्यवस्था भी कमजोर होने लगती है। पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे छात्र-छात्राओं को श्री सिंह ने भविष्य की चुनौतियों से अवगत कराया। 20 साल बाद युवाओं के देश भारत में युवा में व्याप्त उत्साह से भरे बाढ़ को पत्रकार ही सकारात्मक दिशा देने का काम करेगा। कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष संजय द्विवेदी ने किया। इस सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री बी. के. कुठियाला ने किया।
पहले दिन का दूसरा सत्र “उदीयमान भारत और युवा” विषय पर आधारित था। इस सत्र में स्वामी शरणानंद, स्वामी धर्मबंधु सहित वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरीश उपाध्याय मौजूद रहे रहे। स्वामी धर्मबंधू में छात्र-छात्राओं को प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि नित नई बातें सीखने वाला ही शिक्षित कहा जाएगा क्योंकि आज के इस बदलते समाज में कोई भी ज्ञान सदा प्रभावी नहीं रहने वाला है। उन्होंने कहा कि ज्ञान अगर दुश्मन के पास है तो उससे भी सीखनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय ने पत्रकारिता में नकारात्मकता के वातावरण पर चिंता जताते हुए कहा कि पत्रकारों को नकारात्मक खबरों को भी समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाने में उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के युग में खबरों और तथ्यों से खेलना आग से खेलने के बराबर है और इस काम में काफी सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी बात को अंतिम सत्य नहीं मानते हुए हर सूचना की अपने स्तर पर पड़ताल करनी चाहिए। इस सत्र का संचालन श्री आशीष जोशी ने किया।
पहले दिन का अंतिम सत्र मीडिया बिजनेस के संदर्भ में “उद्यमिता एवं स्वरोजगार” पर आधारित था। इस सत्र में कमॉडिटी कंट्रोल डॉक कॉम के संपादक श्री कमल शर्मा ने वेब मीडिया के उज्जवल भविष्य के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया। उन्होंने नए मीडिया के पहुंच को बताते हुए कहा कि वेब साइट के सहारे कम खर्च में अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है। वहीं सत्र में उपस्थित दूसरे विशेषज्ञ वक्ता इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस, हैदराबाद से आए डॉ. सिद्धार्थ शेखर सिंह ने छात्र-छात्रओं ने उद्यमी की तरह सोचने के कायदे बताए। उन्होंने जीवन में उस पेशे को चुनने की सलाह दी जिसमें रोज-रोज काम करने में खुशी हो। कार्यक्रम के पहले दिन के अंत में अध्यक्षीय उदबोधन में श्री बी. के. कुठियाला ने कहा कि यह मानव समाज का सबसे स्वर्णिम समय है। इस समय अपने जीवन और कैरियर को चुनने वाले छात्र काफी भाग्यशाली हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के छात्र को अधिक से अधिक पढ़ना चाहिए इसके साथ नई चीजों पर विचार कर लिखना भी चाहिए।
विश्वविद्यालय के सत्रारंभ में प्रबोधन कार्यक्रम का दूसरा दिन विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी रहने वाला है। तीन सत्रों में विभाजित इस कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में कई प्रमुख वक्ता उपस्थित रहेंगे। इनमें अपरसचिव मप्र जनसंपर्क विभाग, श्री लाजपत आहूजा, वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव, न्यूज 24, दिल्ली के प्रबंध संपादक श्री अजीत अंजुम, ज़ी न्यूज की इनपुट एडिटर श्रीमती सीमा गुप्ता, उर्दू दैनिक राष्ट्रीय सहारा रोजनामा के संपादक श्री असद रजा सहित “वेलकम टू सज्जनपुर” फिल्म सहित कई फिल्मों के पटकथा लेखक एवं फिल्मकार श्री अशोक मिश्र उपस्थित रहेंगे।
डॉ. पवित्र श्रीवास्तव
(जनसंपर्क विभाग)