रामनाथ गोयनका अवार्ड समारोह में एक बड़ी दिलचस्प बात हुई। मंच पर मौजूद फ़ारूख़ अब्दुल्लाह ने सोफे पर बैठे लालकृष्ण आडवाणी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आडवाणी जी आप सेकुलरिज़्म को मज़बूती से थामे रखिए’! उनका इशारा साफ़ था कि मोदी के ख़िलाफ अपना मोर्चा क़ायम रखिए। इस पर आडवाणी जी को सहमति में मज़बूती से गर्दन हिलाते देखा गया। इसके चंद मिनट बाद ही वाणी त्रिपाठी समारोह से उठ कर चली गईं। अरूण जेटली जी बने रहे… लेकिन आ़डवाणी जी थोड़ी देर बाद चले गए क्योंकि शायद उन्हें अमेरिकी उपराष्ट्रपति के सम्मान में दी गई दावत में शामिल होना था.(डायरी आइटम के तौर पर देखिए… कोई ख़बर नहीं है इसमें।)
<उमाशंकर सिंह के एफबी से साभार>