अज्ञात कुमार

राज्यसभा टीवी की एंकर अमृता राय और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के संबंधो पर से पर्दा उठ चुका है. पहले सोशल मीडिया पर इनकी अंतरंग क्षणों की तस्वीरें वायरल हुई और फिर एक-एक कर दोनों का ट्विट.
ट्विट में दोनों ने अपने संबंधों का खुलासा किया. ट्विट करने की नौबत इसलिए आयी क्योंकि एंकर अमृता राय का कंप्यूटर हैक हो गया और परिणामस्वरुप कुछ निजी फोटोग्राफ और संभवतया वीडियो भी लीक हो गया.
बहरहाल समझदारी दिखाते हुए दोनों अपने रिश्तों को खुद ही सामने ले आए. इसके बाद सोशल मीडिया पर बहस का दौर शुरू हो गया. नैतिकता-अनैतिकता, मर्यादित-अमर्यादित आचरण को लेकर फेसबुक और ट्विटर पर कमेंट्स की बाढ़ आ गयी. लेकिन इस पूरे बहसबाजी के दौरान ये बात सिरे से गायब हो गयी कि दिग्विजय सिंह से नजदीकी का राज्यसभा टीवी की एंकर अमृता राय को अपने करियर में कोई अनुचित फायदा तो नहीं मिला?
राजयसभा टीवी में किस तरह से उनकी एंट्री हुई और क्या उनकी नियुक्ति में सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया. विदेश जाकर रिपोर्टिंग करने का उन्हें जो मौका मिला वह मिलना चाहिए था. क्योंकि अमृता राय की कभी प्रखर पत्रकार की छवि कभी नहीं रही. लेकिन राज्यसभा टीवी में अमृता राय की स्थिति बेहद मजबूत थी. कुछ लोग मजाक में उन्हें राज्यसभा की मालकिन तक कहते हैं. क्या यह दिग्विजय सिंह के प्रभाव से था?
कहने का मतलब है कि दिग्विजय सिंह और टीवी एंकर अमृता राय के संबंधो की नैतिकता पर बात होने की बजाए जांच इस बात की होनी चाहिए कि दिग्विजय सिंह से नजदीकी संबंध होने का कोई अतिरिक्त फायदा तो एंकर अमृता राय को राज्यसभा टीवी में नहीं मिला? गौरतलब है कि राज्यसभा टीवी सरकारी चैनल है और सरकार कांग्रेस की है और सरकार में दिग्विजय सिंह की तूती बोलती है.