हैदराबाद, 20 फरवरी, 2013. युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा संचालित नेहरु युवा केंद्र संगठन के तत्वावधान में यहाँ मंडल कार्यालय में आंध्रप्रदेश के लेखालिपिकों और युवा समन्वयकों के लिए राजभाषा क्रियान्वयन पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. मंडल निदेशक गैपाल सिंह नेगी ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत के विशाल बहुभाषी समाज की संपर्क भाषा और भारत संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी की उपयोगिता स्वतः सिद्ध है. इसलिए हमारा यह लोकतांत्रिक कर्तव्य है कि अपने कार्यालय के दैनिक कार्य में हिंदी का अधिक-से-अधिक प्रयोग करें.
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रो.ऋषभ देव शर्मा ने हिंदी की संवैधानिक स्थिति की व्याख्या करते हुए आधुनिक व्यवसाय जगत, मीडिया और कम्प्यूटर पर हिंदी के निरंतर बढ़ते हुए व्यवहार की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि राजभाषा केवल कार्यालय की भाषा नहीं होती ज्ञान, विज्ञान, न्याय और पत्रकारिता का भी इसमें समावेश है.
कार्यशाला के दूसरे चरण में डॉ.बलविंदर कौर ने कार्यालयीन हिंदी की विशेषताओं और राजभाषा के विकास में अनुवाद की भूमिका पर सारगर्भित व्याख्यान दिया.
तीसरे चरण में डॉ.गुर्रमकोंडा नीरजा ने राजभाषा के विविध अनुप्रयोगों पर पावरपोइंट प्रस्तुति दी और पत्रचार, अनुवाद तथा टिप्पणी लेखन संबंधी व्यावहारिक कार्य कराया.
नेहरु युवा केंद्र के उपनिदेशक सी.वैद्यनाथ राव के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यशाला समापन हुआ.
– प्रस्तुति
डॉ.गुर्रमकोंडा नीरजा,
सह-संपादक ‘स्रवन्ति’,
प्राध्यापक,
उच्च शिक्षा और शोध संस्थान,
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा,
हैदराबाद – 500004