विनीत कुमार
यदि नकवीजी के इंडिया टीवी से इस्तीफा दिये जाने की वजह आप की अदालत का मोदी की अदालत बन जाना है तो रजत शर्मा की साख की तो कायदे से बत्ती लग गयी.
इसे ऐसे भी कहा जा सकता है की खुद प्रोग्राम आपकी अदालत कटघरे में आ गया है जो कि 21 साल से एक ख़ास सम्मान और भरोसे के साथ देखा जा रहा था. ऐसा होने से चैनल और रजत शर्मा की साख पर कायदे से डेंट पड़ी है. काश वो ये एपिसोड ऑन एयर होने के पहले दे देते..
पुण्य प्रसून ने भी दागदार संपादक की गिरफ्तारी को आपातकाल करार देकर इस्तीफा दिया था और ये मोदिनामा होने के बाद..खैर, नकवीजी जब तक ऐसे किसी मीडिया संस्थान से दोबारा से नहीं जुड़ते,तब तक के लिये उनका इस्तीफा, इस्तीफा से आगे की चीज़ मानी जायेगी.बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है.कब तक का सवाल के साथ भी..
(स्रोत-एफबी)