सीबीआई ने कोयला घोटाले में 04 सितम्बर 2012 को ग्यारह शहरों में तीस स्थानों पर मारे गए छापों की जानकारी छापों के पूर्व लीक होने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. इन छापों के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी के कन्वेनर अरविन्द केजरीवाल ने यह आरोप लगाया था कि सीबीआई के ये छापे मात्र दिखावा हैं और उन्हें छापे मारे एक कंपनी के एक अधिकारी ने ईमेल से जानकारी दी थी कि उन्हें दो दिन पहले ही इनकी सूचना मिल गयी थी.
यही बात इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने भी अपनी प्रेस रिलीज में कहा था और यह कहा था कि सम्बंधित अधिकारी की सुरक्षा के लिए वे उनका नाम सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं.
मीडिया में यह खबर आने के बाद यूपी के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 07 सितम्बर केन्द्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिख कर इन आरोपों की जांच कर उचित कार्यवाही कराने का अनुरोध किया था.
सीबीआई मुख्यालय ने सीवीसी को भेजे इस पत्र का संज्ञान लिया है. सीबीआई के आर्थिक अपराध-एक शाखा के डीआईजी रवि कान्त ने ठाकुर को पत्र लिख कर इन आरोपों की पुष्टि करने हेतु सभी उपलब्ध अभिलेख यथाशीघ्र अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित करने को कहा है.