प्रखर श्रीवास्तव की यादों के झरोखे में पत्रकार कामता सिंह

प्रखर श्रीवास्तव-

हमारी टीम का सबसे काबिल साथी कामता आज हम सबको छोड़ कर चला गया… वो भी सिर्फ 28 साल की उम्र में… जब हमने उसे न्यूज़ 24 मे लेने का फैसला किया था तो कई लोगों ने मुझसे कहा था कि कामता तो रिसर्च डिपार्टमेंट का है वो आउटपुट की पैकेजिंग टीम में कैसे काम करेगा ?… कामता तब इंडिया टीवी में रिसर्च डिपार्टमेंट में था… लेकिन मुझे हमेशा से उस पर सबसे ज्यादा भरोसा था… ईरान से लेकर रूस तक, सिरिया से लेकर मिस्र तक, चीन से लेकर पाकिस्तान तक… यूनाइटेड नेशन से लेकर यूपी, बिहार और यहां तक कि मणिपुर की राजनीति तक… मुशर्ऱफ, हाफिज़ सईद, मौलाना मसूद अज़हर, दाउद इब्राहिम इन सबसे से जुड़ा हर अपडेट कामता के पास होता था… वो हर वक्त एक नई ख़बर के साथ लबरेज़ होता था… उसकी इसी काबिलियत को देखकर हमने उसे अपनी एडिटोरियल मीटिंग का हिस्सा बनाया था… ये वो मीटिंग होती है जिसमें चैनल के दिनभर का प्लान तैयार होता है… इसमें आउटपुट की तरफ से सिर्फ शो प्रोड्यूसर शामिल होते हैं, लेकिन कामता काफी जूनियर होने के बाद भी इसका हिस्सा था… क्योंकि उसके पास एक ना एक आइडिया होता था…

आज के दौर में जब “ज्ञानविहीन” टीवी प्रोफेशनल्स से ये इंडस्ट्री भरी पड़ी है तब कामता मेरे लिए एक उम्मीद की किरण था… वक्त के क्रूर हाथों ने मुझ से मेरा सबसे प्यारा साथी ही नहीं छीना है बल्कि वक्त ने इस टीवी जर्नलिज़्म से एक ऐसा पत्रकार छीन लिया जिसका करियर असीम, अपार, अकल्पनीय संभावनाओं से भरा हुआ था… मेरे भाई कामता… तुम रजत शर्मा, प्रणय राय, विनोद दुआ नहीं हो… तुम दीपक चौरसिया औरअर्णब भी नहीं हो… तुम राजदीप और बरखा भी नहीं हो… लेकिन फिर भी तुम्हारा निधन मेरे लिए टीवी पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति है… क्योंकि मैं जानता हूं कि आज के बाद मुझे कोई कामता सिंह (Kamta Singh) नहीं मिलेगा जो मुझसे धीरे से आकर कहेगा… “सरजी एक आईडिया है”….

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