प्रभात खबर, बक्सर ने शिक्षक संघ की खबर छापने में किया पक्षपात, स्थानीय शिक्षकों में रोष
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ही जब खबर छापने में पक्षपात करने लगे तो यह निश्चय ही हर आम आदमी के लिए खतरे की घंटी है. इसी का नमूना है प्रभात खबर, बक्सर में छपी परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के नेताओं की गिरफ्तारी की खबर. जहां जिले के अन्य अखबारों हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण… आदि ने इस संवेदनशील खबर को प्रकाशित करने में निष्पक्षता व पारदर्शिता बरती है. वहीँ प्रभात खबर का इस तरह से सत्ता के पक्ष में खबर छापना सूबे के 4 लाख नियोजित शिक्षकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ ही माना जाएगा.
जबकि इस अपुष्ट खबर को लेकर बक्सर के नियोजित शिक्षकों में रोष है. चर्चा इस बात बात की भी है इस अखबार के प्रधान संपादक हरिवंश का जदयू की तरफ से राज्यसभा में जाने के बाद यह अखबार बिहार सरकार का मुख पत्र हो गया है. और आए दिन खबरों को प्रकाशित करने में बरती जा रही अनियमितता, इसी की बानगी है. लेकिन प्रदेश में तीसरे स्थान पर काबिज इस अखबार का उपरोक्त दोनों अखबारों से तगड़ी प्रतिस्पर्धा है.
ऐसे में खबर छापने में इस तरह की अपारदर्शिता दिखा यह समाज को क्या सन्देश देना चाहता है? यह प्रश्न भी विचारणीय है. आप खुद तीनों अखबारों (हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण व प्रभात खबर) के बक्सर संस्करण में छपी खबर की कतरन पढ़िए. और सही-गलत का फैसला कीजिए.