अरविंद शेष
आज के “प्रभात खबर” सीतामढ़ी संस्करण के पेज सात पर सबसे ऊपर बड़े अक्षरों में खास महत्व के साथ छपी खबर है। यह सिर्फ एक उदाहरण है कि आज का “मीडिया” पहले से ही अंधविश्वास के अंधेरे कुएँ में डूबते-उतराते समाज को और अंधेरे में धकेलने के किस अपराध और कुकर्म में लगा हुआ है..! हम इन्हें किस तरह “पत्रकारिता” के “मंदिर” के तौर अपने सिर-माथे पर सजाते हैं और ये किस तरह समूचे समाज को अंधविश्वासों के अंधकार में डुबोए रखने की दलाली और सौदा एक “पंडा-राज” की “पंडा-वयवस्था” के साथ करने में लगे हैं..! एक विकासमान समाज में इस खबर के खबरची और इसे प्रकाशित-प्रसारित करने वाले किसी भी अखबार-टीवी के संपादक को समाज को पीछे ले जाने वाला और “सामाजिक अपराधी” माना जाना चाहिए… लेकिन हमारे यहां यह “मीडिया” इस देश का “चौथा स्तंभ” है..! मुझे लगता है कि एकाध को छोड़ दें तो लगभग सब मीडिया की खाल में एक “पंडा-राज” और “पंडा-व्यवस्था” के एजेंट हैं जो किसी समाज को अंधविश्वासी और मूर्ख बनाए रखने का सौदा करने में लगे हैं..!
(स्रोत-एफबी)