ओम थानवी
सुलझे हुए संपादक और मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे डॉ संजय बारू ने कांग्रेस की सिट्टी-पिट्टी गुम कर दी है। अपनी एक किताब में उन्होंने वह बता दिया अब तक जिसका अंदेशा ही था: कि सरकार सोनिया गांधी की मरजी से चलती थी (है), प्रधानमंत्री के चलाए नहीं। प्रधानमंत्री कार्यालय से वरिष्ठ अधिकारी पुलक चटर्जी रोज सोनिया के यहाँ फाइलें लेकर उनकी राय जानने जाते थे। चटर्जी अब मनमोहन के प्रधान सचिव हैं। बारू के अनुसार मनमोहन खुद को आहत महसूस करते थे। हद तो तब हुई जब उन्हें पता चला कि वे अपनी मरजी से मंत्री भी तय नहीं कर पा रहे हैं: सोनिया ने अपने स्तर पर ही प्रणव मुखर्जी को वित्त मंत्रालय पेश कर दिया था! ऐसा क्या कारपोरेट लॉबी के असर में किया गया? समझने को अवकाश बहुत है।
(स्रोत-एफबी)