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IBN-7 के पंकज भार्गव और श्रेया डोंडियाल कुंभ में गुम !

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ख़बरों के आवाजाही के बीच न्यूज़ चैनलों का स्क्रीन बदलता रहता है. पहले इसी स्क्रीन पर जहाँ दुष्कर्म से संबंधित खबरों की भरमार थी. वहीं अचानक से उन ख़बरों की जगह भारत – पाकिस्तान काल्पनिक युद्ध ने ले लिया. लेकिन इस बीच कल का पूरा दिन कुंभ मेले की ख़बरों के नाम रहा. न्यूज़ चैनलों ने अपने संवाददाताओं और एंकरों को दिल्ली से कुंभ मेले की कवरेज के लिए भेजा. वहीं से लाइव एंकरिंग हुई. संवाददाताओं ने पीटूसी दिया. कुंभ और भी भव्य हो उठा. हरेक चैनल का दावा कि महाकुंभ की सबसे बड़ी कवरेज , सिर्फ उसके चैनल पर. उधर टीवी फ्रेंडली कई साधू – संत ये कहते नज़र आये कि आप प्रयाग नहीं आ पाए तो क्या, स्क्रीन के माध्यम से ध्यान लगाइए, समान रूप से पुण्य मिलेगा.

डंके की चोट पर अपनी बात कहने का दावा करने वाला IBN-7 भी इस मामले में पीछे नहीं रहा. आपको याद दिला दें कि इसी चैनल ने पहले स्वर्ग की सीढ़ी खोज निकाली थी. अब जब मोक्ष प्राप्ति का रास्ता सामने दिखाई दे रहा था तो वे पीछे कैसे रह सकते थे. सो एक टीम जिसमें पंकज श्रीवास्तव, पंकज भार्गव, श्रेया डोंडियाल आदि को भेजा गया. ये टीम वहां कवरेज के लिए तो गयी लेकिन ऐसी भाव –विभोर हुई कि कुंभ में गुम होकर बौरा उठी.

अब आप मिस नहीं करेंगे हाथ रगड़ते हुए एक सरोकारी चेहरा के खबर बांचने का सुख

दीपक चौरसिया एबीपी को बाय-बाय बोलकर अब इंडिया न्यूज जा रहे हैं. मुझे अब इस पर बात नहीं करनी है कि इस चैनल का संबंध जेसिका लाल के हत्यारे मनु शर्मा से है. लेकिन न्यूजलौंड्री पर आप दीपक चौरसिया का इंटरव्यू देखें और अंदाजा लगाएं कि देश के राष्ट्रीय चैनल का एडीटर इन चीफ मीडिया को लेकर क्या समझ रखता है ?

जनाब का मानना है कि मीडिया दरअसल डिमांड और सप्लाय का काम है. दर्शक जो मांगे वो दो. दीपक चौरसिया को अपने उपर इस बात को लेकर गुमान है कि उन्होंने कभी भूत-प्रेत, सांप-बिच्छू को लेकर शो या स्टोरी नहीं की.

न्यूजलौंड्री के अभिनंदन सिकरी ने सही सवाल किया कि लेकिन बनियान पहनकर खली के साथ और राखी सावंत को लेकर शो करते हैं, उससे लोगों का क्या भला हो सकता है ?

हमने ये भी देखा कि कैसे वो बिना हेलमेट के जॉन इब्राहिम के साथ नोएडा में बाइक पर घूमकर शो किया. तब हमने पोस्ट लिखने के पहले गौतमबुद्ध नगर थाने फोन करके इस पर जानकारी भी ली थी.

कुंभ मेले से पीटूसी करते कनफुंकवा रिपोर्टर

आज का पूरा दिन कुंभ मेले के नाम रहा. टेलीविजन चैनलों पर सुबह से प्रसारण शुरू हो गया. दिल्ली से टेलीविजन पत्रकारों को चैनलों ने कुंभ मेले की कवरेज के लिए भेजा. पूरे कवरेज पर मीडिया मामलों के विशेषज्ञ विनीत कुमार की कुछ टिप्पणियाँ:

  • क्रांति और मकर संक्रांति की बेतहाशा कवरेज देखकर लगता है कि इस टीवी इन्डस्ट्री को कनफुकवा मीडियाकर्मी चला रहे हैं. जिनके कान फुंके हुए होते हैं या फिर हमारी कान इस कदर फूंकना चाहते हैं कि इसके अलावे हमें कुछ सुनाई न दे. इन कनफुकवा मीडियाकर्मियों की खास बात होती है कि वो पीटूसी करते हुए इतने आत्ममुग्ध हो जाते हैं कि लगता नहीं किसी व्यावसायिक चैनल के लिए बोल रहे हैं, लगता है अंदर महंतों के आश्रम से तर माल( नदिया के पार से साभार) चापकर सार्वजनिक हुए हैं और उनका कर्ज अदा कर रहे हैं. हिन्दू होने और ऐसे महाकुंभ का हिस्सा होने का गर्व चरम पर है. दिलचस्प होगा गर कोई मुस्लिम मीडियाकर्मी को कवरेज के लिए भेजा जाए और खुली छूट हो कि वो अपने तरीके से इस पर बात करे. वैसे कैमरामैन तो कई होते ही हैं.

गिरीश पंकज को पं.बृजलाल द्विवेदी स्मृति साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान

भोपाल, 14 जनवरी,2013। रायपुर से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका ‘सद्भावना दर्पण’ के संपादक गिरीश पंकज को पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान-2012 से अलंकृत करने की घोषणा की गयी है।

मीडिया विमर्श पत्रिका द्वारा प्रतिवर्ष साहित्यिक पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संपादकों को यह सम्मान प्रदान किया जाता है। इसके पूर्व यह सम्मान वीणा( इंदौर) के संपादक स्व. श्यामसुंदर व्यास, दस्तावेज (गोरखपुर) के संपादक डा. विश्वनाथप्रसाद तिवारी, कथादेश (दिल्ली) के संपादक हरिनारायण और अक्सर (जयपुर) के संपादक हेतु भारद्वाज को दिया जा चुका है।

इलाफिलेक्स-2013” में शाही स्नान (मकर संक्राति कुंभ पर्व) पर जारी हुआ विशेष आवरण

डाक विभाग द्वारा दो दिवसीय इलाहाबाद डाक टिकट प्रदर्शनी’’इलाफिलेक्स-2013’’ का समापन 14 जनवरी 2013 को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के महात्मा गाँधी कला वीथिका में हुआ। प्रदर्शनी के समापन समारोह के अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज मिथल, द्वारा मकर संक्राति पर्व पर विशेष आवरण व विरूपण का विमोचन, ले0 कर्नल पोस्टमास्टर जनरल ए. के. गुप्ता और निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव के सहयोग से किया गया।

प्रदर्शनी के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने कहा कि इस प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन हर साल होना चाहिये ताकि अभिरुचि के रूप में फिलेटली का विकास हो सके। ले0 कर्नल पोस्टमास्टर जनरल ए. के. गुप्ता ने कहा कि डाक टिकट ज्ञार्नाजन का स्त्रोत भी है जो हमारी शिक्षा प्रणाली को और भी मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। जबकि इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवायें कृष्ण कुमार यादव ने डाक टिकटों को एक नन्हें राजदूत की संज्ञा दी, जो जिस भी देश में जाता है वहां अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से उस देश के लोगों के अवगत कराता है।

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