ओम थानवी,वरिष्ठ पत्रकार
प्रधानमंत्री मोदी के पीछे हाथ धोकर पड़ने वाले केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को सैल्यूट किया। पहले एक भाजपा नेता ने इस बात का मज़ाक़ उड़ाया। अब केंद्रीय मंत्री और अन्य भाजपा नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री को इसलिए घेर रहे हैं कि उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार (प्रोपेगैंडा) को बेनक़ाब करने की माँग सरकार से क्यों की। यह भाजपा की छिछली राजनीति है।
दरअसल, यह वार केजरीवाल पर नहीं उन सब लोगों पर है जो सामरिक मामले में सेना और मोदी के साथ खड़े हैं, लेकिन कुछ सवाल कर रहे हैं या कुछ अपेक्षाएँ ज़ाहिर कर रहे हैं। इसमें क्या बुरा है? यह तो कोई लोकतांत्रिक माहौल नहीं हुआ; ऐसा तानाशाही में होता है।
उन टीवी चैनलों पर भी शर्म आती है जो सत्ताधारी पार्टी से भी आगे जाकर पाकिस्तान में केजरीवाल के बयान के इस्तेमाल की ख़बरों पर उन्हें “पाकिस्तान का हीरो” क़रार दे रहे हैं। यानी देश का ग़द्दार? अजीबोग़रीब तमाशा है। बात-बात पर राष्ट्रप्रेम और राष्ट्र्द्रोह की जुमलेबाज़ी इस सरकार के राज में जैसे बच्चों का खेल हो गई है!
(भक्तों को आगाह कर दूँ कि अब मुझे तुरंत ‘आप’ पार्टी का बंदा न कह दें! कल ही तो उन्होंने – मनमोहन सिंह की संजीदगी और मोदी की ढिंढोरापीट राजनीति पर टीप साझा करने पर – मुझे कांग्रेस समर्थक होने का ख़िताब अता फ़रमाया था!) @fb