नवीन कुमार
मूछें हों तो नत्थूलाल के जैसी और मुकद्दर हो तो मनोहर लाल के जैसा। वर्ना ना हों। 20 अक्टूबर 2014 से पहले आपने कभी सुना था कि मनोहर लाल खट्टर जैसे अवतारी लोग बीजेपी में मौजूद हैं? अजी मनोहरलाल जी को नहीं पता था बीजेपी को कहां पता होता? अभी-अभी वरिष्ठ नागरिक हुए मनोहर लाल जी ने तो विधायकी को आसमानी आशीर्वाद समझकर ग्रहण कर लिया था। उन्हें तो पता ही नहीं था कि वो देवता होने जा रहे हैं। …
…जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में नौजवानों का हुजूम संपूर्ण क्रांति के लिए इंदिरा गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतरा हुआ था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस आंदोलन को समर्थन दिया था। तो लोहिया के शिष्यों की सभाओं में भारत माता की जय के नारे भी लग रहे थे। ये नारे नौजवानों को अपनी ओर खींच रहे थे। संघ इस खिंचाव में स्वयंसेवकों की खोज कर रहा था। इसी खोज का खज़ाना हैं मनोहर लाल खट्टर। …
1996 में हरियाणा से शुरू हुआ मोदी के साथ मनोहर लाल का रिश्ता 2002 में गुजरात से होता हुआ मुख्यमंत्री की शपथ के शुक्राने तक पहुंचा है। डॉक्टर बनने के इरादे से 1974 में रोहतक से दिल्ली की खटारा बस में बैठा परिवार का पहला दसवीं पास छात्र 40 साल बाद अचानक सामने आया है। सत्ता के स्कूल का प्रिंसपल बनकर। इस सूचना पर बड़े-बड़े तर्कवादियों का भाग्य में यकीन करने को जी करेगा। क्योंकि जो सच है वो सच है। ..
.. खट्टर के ही दम पर बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में दस में से सात सीटें हासिल की। खट्टर को मुख्यमंत्री बनाकर मोदी ने सिर्फ पुराने दिनों की दोस्ती का फर्ज़ और देश की प्रधानी में मदद का कर्ज अदा किया है। …
(रिपोर्टों के हिस्से)
(स्रोत-एफबी)