(सुजाता,लेक्चरर,दिल्ली विश्वविद्यालय)-
कुछ न्यूज़ चैनल्स पर जिस तरह खुले आम दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही है वह देखकर भय नहीं दुःख होता है। IBN7 पर मनसे का नेता कहता है कि पाकिस्तानियों के साथ फ़िल्म बनाने वालों को पकड़ के पीट देंगे हम, गायक अभिजीत इस पर खुश होकर ताली बजाता है और यही दोहराता है,शहज़ाद पूनीवाला अकेला पड़ गया है तर्क करते, उसको जानबूझ कर शहज़ाद कराचीवाला कहा जा रहा है और एंकर चुप है …
वृन्दावन में नास्तिकों का सम्मिलन रद्द करा दिया जाता है, भक्तों की गुंडागर्दी है … टीवी पर इसकी कोई न्यूज़ नहीं है… किसी माता के जागरण में ऐसा होते देखा है? रात- दिन भजन कीर्तन बजता है तो हम वोल्यूम भी कम नहीं करा सकते।
ट्रिपल तलाक भी, एक चैनल पर, पाकिस्तान की साजिश है और उस पर बहस करते करते लोग एक दूसरे को पाकिस्तान भेज रहे हैं … एक कहता है यहाँ रहना हो तो यहाँ के क़ानून के हिसाब से रहो…
यहाँ देश (प्रेम /द्रोह) क़ानून और धर्म की ठेकेदारी की नई व्यवस्था लागू हुई है मानो… देश एक सामंती पिता हो गया है कि मेरे हिसाब से रहो वरना सज़ा भुगतो या दफ़ा हो जाओ !
मैं नास्तिक ही हूँ ठीक- ठीक कह नहीं सकती, नियति में एक विशवास रहा, लेकिन जैसे अपने यहाँ आस्तिक हैं ऐसी तो एकदम नहीं हूँ। मुझे कोई कन्फ्यूज़न नहीं। अपनी जगह चुननी हो तो भक्तों की मंडली में नहीं नास्तिकों के सम्मेलन में ही पाई जाऊँगी। किसी के भी इस इस चुनाव का सम्मान न किया जाना अपने मत का खौफ फैलाना अलोकतांत्रिक है, निंद्य है, गुंडागर्दी है। @fb