हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक पर हंगामा मचा हुआ है.दोनों देश के न्यूज़ चैनल आपस में भिड़े हुए है.दोनों एक दूसरे को झूठा साबित करना चाहते हैं और एक – दूसरे की ख़बरों को रामलीला की कहानी बता रहे हैं. इन सब के बीच सियासतदान अपनी सियासत करने में मशगूल हैं और हर कोई जलते अलाव के बूझने से पहले अपनी सियासत की ज्यादा-से-ज्यादा रोटी सेंक लेना चाहता है.
पाकिस्तानी चैनलों के लहजे में पराये तो पराये अपने भी भारत सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे हैं.इन अपनों में अरविंद केजरीवाल, पी.चिदंबरम और संजय निरुपम के नाम सबसे ऊपर है. पाकिस्तानी चैनलों के साथ सुर में सुर मिलाकर ये सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे हैं.अब ये बात अलग है कि यदि सरकार ने दबाव में आकर प्रमाण दे दिया तो यही लोग कहेंगे कि कितनी बेवकूफ सरकार है, कहीं ऐसी चीजों को बेपर्दा किया जाता है.
बहरहाल सरकार तो सबूत नहीं दे रही मगर भारतीय चैनल कहाँ मानने वाले हैं. सो सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत को लेकर ख़बरों की झमाझम बारिश हो रही है. ज़ी न्यूज़ तो सबूत देने की बात भी कह रहा है. यानी सरकार को सबूत देने में दिक्कत है चैनलों को नहीं। ये बात और है कि सबूतों के नाम पर सिर्फ लफ्फाजी ही देखने को मिलेगी. असल अखबार तो इंडियन एक्सप्रेस जैसे अखबार ही देते हैं. इतिश्री.