ग्रांड कॉन्सेप्ट्स मीडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने एक राजनीति केंद्रित मासिक पत्रिका ‘न्यूज बेंच’ का प्रकाशन हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में किया है। न्यूज बेंच के प्रवेशांक की कवर स्टोरी है ‘नरेद्र मोदी के असली दुश्मन’, जिसमें खुलासा किया गया है कि नरेंद्र मोदी को 24 अकबर रोड ‘कांग्रेस’ चाहे अजय भवन ‘वामदल’ से कोई खतरा ही नहीं है। उन्हें असली खतरा अंग्रेजीदां अभिजात्य बुद्धिजीवियों और अपनी ही पार्टी के उन घाघ नेताओं से हैं, जो लगातार उनकी टांग खीचने में लगे हुए हैं। 76 पृष्ठों वाली इस पत्रिका ने पूरे देश के राजनीतिक नब्ज को टटोलने के साथ अन्य क्षेत्रों को भी अपने भीतर समेटने का प्रयास किया है।
नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक भव्य समारोह के दौरान प्रसिद्ध पत्रकार व पूर्व संपादक, जनसत्ता, अच्युतानंद मिश्र ने ‘न्यूज बेंच’ के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण का लोकार्पण किया। गांधीवादी दार्शनिक व सात राज्यों के पूर्व राज्यपाल भीष्म नारायण सिंह समारोह के मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर ‘मीडिया और चुनाव’ विषय पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें सतीश जैकब (प्रसिद्ध पत्रकार, दो दशक तक बीबीसी से जुड़े रहे), एन.के. सिंह (वरिष्ठ टीवी पत्रकार व महासचिव, ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन), कैलाश सत्यार्थी (चेयर पर्सन, ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर) आदि विशिष्ट अतिथियों सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार रखे।
कंपनी के चेयरमैन कुशल देव राठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि कंपनी पिछले चार साल से ‘न्यूज बेंच’ नाम से ही द्वीभाषीय साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशन कर रही है। यह पत्रिका हमारी पिछले चार साल की मेहनत का नतीजा है। इस पत्रिका के माध्यम से हमारा मकसद पत्रकारिता के सुनहरे दौर को एक बार फिर जीवंत करना है। इस अवसर पर साप्ताहिक समाचार पत्र के एनसीआर संस्करण को रिलांच करने के साथ वेब पोर्टल भी लांच किया गया।
न्यूज बेंच के संपादक अनिल पांडेय हैं। इससे पहले वे 14 भाषाओं में प्रकाशित पत्रिका द संडे इंडियन (हिंदी) के कार्यकारी संपादक और द संडे इंडियन (अंग्रेजी ) के सीनियर एडीटर रह चुके हैं। अनिल पांडेय इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के हिंदी हिंदी दैनिक जनसत्ता और स्टार न्यूज में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अध्यापन भी किया है। उन्हेें मीडिया की कई फेलोशिप भी मिल चुकी है और राजनीतिक और इनवेस्टीगेटिव रिपोर्टिंग के लिए कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है।