कल एनडीटीवी-इंडिया पर एक बहस में भाजपा के मुख़्तार अब्बास नक़वी आलोचक और दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर डॉ अपूर्वानंद के विचार सुनकर इतने भड़के कि अपूर्वानंद के विचारों को पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ का और आतंकवादियों तक का बता डाला।
उन्होंने कहा, प्रोफेसर देशद्रोहियों के प्रश्रय की बात कर रहे हैं। “ये हिन्दुस्तान का चैनल है या पाकिस्तान का” कहकर वे बीच बहस उठकर जाने भी लगे, जैसे एक बार करण थापर के कार्यक्रम से नरेन्द्र मोदी उठ गए थे।
अपूर्वानंद ने बहुत सहज स्वर में यह कहा था कि अफजल को न्याय नहीं मिला, नए तथ्यों की रोशनी में उसकी अपील फिर सुनी जानी चाहिए थी।
नक़वी एक मुकाम पर बोले: “ये (अपूर्वानंद) इस देश के हैं या आइएसआइ के एजेंट हैं? ये आइएसआइ के व्यू (विचार) हैं। आतंकवादियों के व्यू हैं। …”
कांग्रेस के राशिद अल्वी भी उत्तेजित हुए, पर इस तरह नहीं।
यह तो जाहिर है कि अफजल की फांसी से एक बड़ा मुद्दा कांग्रेस भाजपा की झोली से उड़ा ले गयी। लेकिन भाजपा यह कैसी भाषा टीवी पर बोलने लगी है?
राजनीति में बौखलाहट को कुछ छुपाना भी तो चाहिए!
(जनसत्ता के संपादक ओम थानवी के वॉल से साभार)
NDTV की विश्वसनीयता हमेशा से संदिग्ध रही है ! एलीट क्लास का चैनल माना जाने वाला NDTV चाहे पत्रकारों की भर्ती हो या समाचारों का तरीका , ज़मीनी हकीकत से दूर रहता है ! दो-चार रवीश टाइप की रिपोर्ट से छद्म रूप अपनाता है, ताकि आम दर्शक पकड़ ना पाए ! प्रणव रॉय खुद कितने बड़े देशभक्त हैं , ये उनकी जीवनशैली और अब तक बिताये लाइफ स्टाइल से आप जान सकते हैं ! विदेशों में पढ़े लोगों को अपने यहाँ उच्च पदों पर बैठा कर और बड़े लोगों के बेटे-बेटियों को पत्रकार बनाना इस चैनल का पुराना शगल रहा है ! ऐसे चैनल से देशभक्ति की उम्मीद ? कभी नहीं !
mene kahi baar sun ahe apurva nand ko orvo jo tathy rakhte he vo sahi hota he or BJP ka tarika he jor se bol juth bol baar baar bol to vo sahi ho jata he or rah NDTV ka saval to vo kuch chuninda chenalo me se ek he jo sacha dikhati he esi chenal dekha ke hi aaj desh me secularisam bacha huva he nahi to modi jese log is desh ko kha jayege pata bhi nahi chalega